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वार्ता रद्द, स्कूल ने कहा-टाइम नहीं

जमशेदपुर: राजेंद्र विद्यालय में अभिभावक संघ के प्रतिनिधियों से मारपीट मामले में साकची थाने में बुलायी गयी त्रिपक्षीय वार्ता को रद्द कर दिया गया. इस वार्ता में साकची थाना प्रभारी, राजेंद्र विद्यालय स्कूल प्रबंधन और अभिभावक संघ के प्रतिनिधियों को बुलाया गया था. बैठक के लिए 12 बजे का समय तय किया गया था. लेकिन […]

जमशेदपुर: राजेंद्र विद्यालय में अभिभावक संघ के प्रतिनिधियों से मारपीट मामले में साकची थाने में बुलायी गयी त्रिपक्षीय वार्ता को रद्द कर दिया गया. इस वार्ता में साकची थाना प्रभारी, राजेंद्र विद्यालय स्कूल प्रबंधन और अभिभावक संघ के प्रतिनिधियों को बुलाया गया था. बैठक के लिए 12 बजे का समय तय किया गया था. लेकिन राजेंद्र विद्यालय स्कूल प्रबंधन की ओर से कोई भी साकची थाने नहीं पहुंचा. इस कारण बैठक रद्द कर दी गयी.
बैठक रद्द होने के बाद अभिभावक संघ के अध्यक्ष डॉ उमेश ने साकची थाने में की गयी शिकायत को एफआइआर में परिवर्तित करने की मांग की. उन्होंने स्कूल प्रबंधन पर तानाशाह रवैया अपनाने के साथ ही जिला प्रशासन के आदेश की अवलेहना करने का भी आरोप लगाया. इधर, बैठक में शामिल न होने को लेकर प्रिंसिपल पीवी सहाय ने कहा कि उन्होंने सुबह उपायुक्त डॉ अमिताभ कौशल से मुलाकात की थी. अपनी बातों को उनके सामने रख दिया. इसके बाद वे स्कूल वापस लौट आये. कई सारे काम थे. इन कामों की वजह से टाइम नहीं मिल पाया. उन्होंने कहा कि गरमी छुट्टी के बाद ही समय मिल सकेगा. गरमी छुट्टी के बाद इस तरह की बैठक में शामिल हो पायेंगे.
इधर, साकची थाना में घायल सरिता मांझी के बयान पर मारपीट व हरिजन एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. देवनगर के राजेंद्र आश्रम निवासी सरिता मांझी के बयान पर स्कूल के प्राचार्य पीबी सहाय, खेल शिक्षक ललन व स्कूल प्रबंधन कमेटी के उदय पर आरोप लगाया है.
एक किमी के बाहर के दायरे वाले को नहीं मिलेगी राशि
सरकार की ओर से आरटीइ एक्ट में साफ तौर पर उल्लेख किया गया है कि निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीट पर गरीब और अभिवंचित वर्ग के बच्चे का दाखिला लिया जाना है. लेकिन साथ ही इसे भी तय किया गया है कि इसका दायरा या पोषक क्षेत्र एक किलोमीटर से ज्यादा न हो. स्कूल जरूरत के अनुसार आधे या एक किलोमीटर तक बढ़ा सकते हैं, लेकिन इससे ज्यादा पोषक क्षेत्र के विस्तार करने से पूर्व डीएसइ की अनुमति की जरूरत होगी. क्योंकि ज्यादा दूर होने से बच्चे के स्कूल पहुंचने में परेशानी होगी. अगर वे ऑटो या फिर वैन से आते हैं तो वे गरीब और अभिवंचित वर्ग की केटेगरी से बाहर होंगे. इसी पेंच की वजह से राजेंद्र विद्यालय में मारपीट हुई. दरअसल, स्कूल में पांच ऐसे बच्चे, जो स्कूल के पोषक क्षेत्र में आते हैं, इनका दाखिला स्कूल प्रबंधन की ओर से लेने की स्वीकृति दी गयी, लेकिन छह अन्य बच्चों के दाखिले की अपील भी संघ की ओर से की गयी थी. लेकिन इस मामले में डीएसइ से आदेश मिलने के बाद ही एडमिशन लेने को कहा गया था. इसी वजह से मामला भड़क गया. और मारपीट के बाद यह मामला थाने तक पहुंच गया.
डॉ उमेश ने दी गाली, की मारपीट : स्कूल प्रबंधन
स्कूल प्रबंधन की ओर से प्रिंसिपल पीवी सहाय कुछ शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ उपायुक्त डॉ अमिताभ कौशल से मिले. स्कूल प्रबंधन की ओर से बताया गया कि पांच मई को स्कूल की छुट्टी के वक्त डॉ उमेश कुछ महिलाओं के साथ पहुंच गये. वहां उन्होंने गेट में तालाबंदी का प्रयास किया. वहीं धरने को खत्म करने का अनुरोध शिक्षक-शिक्षिकाओं की ओर से किया गया. लेकिन संघ के प्रतिनिधियों की ओर से गाली-गलौज की गयी. इसके साथ ही एक शिक्षक के साथ र्दुव्‍यवहार भी किया गया.
झूठ बोल रहा है स्कूल प्रबंधन : अभिभावक संघ
राजेंद्र विद्यालय स्कूल प्रबंधन की ओर से लगाये गये आरोपों को अभिभावक संघ ने गलत बताया है.कहा कि स्कूल के शिक्षक किस तरह का व्यवहार कर रहे थे, इसका सबूत स्कूल के बाहर सीसीटीवी कैमरे और मीडिया कर्मियों के कैमरे में कैद हुई तसवीरें हैं. स्कूल के स्पोर्ट्स टीचर ने पहले र्दुव्‍यवहार किया. इसके बाद प्रबंधन के उकसाने पर छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों ने महिलाओं से मारपीट की.
‘‘ यह मामला थाने पहुंच गया है. विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी. अभिभावक संघ द्वारा धरना देने से पूर्व स्कूल प्रबंधन या जिला प्रशासन को जानकारी दी जानी चाहिए थी. -डॉ अमिताभ कौशल, उपायुक्त

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