श्री सोरेन ने बुधवार को पार्टी के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर दिशा-निर्देश दिये. आर्थिक नाकेबंदी को सफल बनाने के लिए हाइवे पर पांच-छह जगह विशेष दस्ता तैनात किया गया है. श्री सोरेन ने दावा किया है कि हर गांव से लोग जाम में शामिल होने के लिए निकलेंगे. विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि गुरुवार को हर हाल में एनएच जाम किया जायेगा. वे अधिकारियों की नहीं सुनेंगे. इस मुद्दे पर सीएम को बात करनी चाहिए.विस में जब वे धरना में बैठे थे तो सीएम ने जल्द एनएच मरम्मत का भरोसा देकर धरना से उठाया था, लेकिन उसके बाद से एक इंच भी मरम्मत नहीं हुई.
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झामुमो: चार विधायकों और पांच विशेष दस्तों को दी गयी जिम्मेवारी, एनएच पर आर्थिक नाकेबंदी आज से
जमशेदपुर: एनएच मरम्मत की मांग को लेकर झामुमो जिला कमेटी के बैनर तले गुरुवार (सुबह सात बजे) से अनिश्चितकालीन एनएच-6 और एनएच-33 पर आर्थिक नाकेबंदी की जायेगी. इसका नेतृत्व पार्टी के चार विधायक करेंगे. उन्हें अलग-अलग जगहों पर तैनात किया जायेगा. जिलाध्यक्ष रामदास सोरेन ने कहा कि पारडीह से बहरागोड़ा के दारीशोल और जामशोला तक […]
जमशेदपुर: एनएच मरम्मत की मांग को लेकर झामुमो जिला कमेटी के बैनर तले गुरुवार (सुबह सात बजे) से अनिश्चितकालीन एनएच-6 और एनएच-33 पर आर्थिक नाकेबंदी की जायेगी. इसका नेतृत्व पार्टी के चार विधायक करेंगे. उन्हें अलग-अलग जगहों पर तैनात किया जायेगा. जिलाध्यक्ष रामदास सोरेन ने कहा कि पारडीह से बहरागोड़ा के दारीशोल और जामशोला तक तक कार्यकर्ता झंडा-बैनर के साथ तैनात रहेंगे.
इन्हें मिली जिम्मेवारी
पारडीह में पार्टी के उपाध्यक्ष चंपई सोरेन, पूर्व सांसद सुमन महतो, मोहन कर्मकार, राजू गिरी, शेख बदरुद्दीन, बाबर खान, रोड़ेया सोरेन और सुनील कुमार महतो को जिम्मेदारी प्रदान की गयी है, जबकि कुणाल षाड़ंगी बहरागोड़ा में आंदोलन का नेतृत्व करेंगे.
नाकेबंदी को दिया समर्थन
नेशनल ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएन गुलजार और जमशेदपुर ट्रक एंड ट्रेलर ऑनर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सरदार कुलविंदर सिंह पन्नू ने झामुमो के एनएच जाम को समर्थन दिया है.
आर्थिक नाकेबंदी पर प्रशासन ने लगायी शर्त
झामुमो के गुरुवार को एनएच जाम को लेकर प्रशासन ने जिला अध्यक्ष को नोटिस भेज कर शर्त लगा दी है. एसडीओ प्रेमरंजन ने भेजे गये नोटिस में कहा कि आर्थिक नाकेबंदी में किसी प्रतिष्ठान को जबरन बंद कराने ,यातायात बाधित करना तथा आवागमन करने से जबरन रोकने को संविधान का उल्लंघन समझा जायेगा. सार्वजनिक या सरकारी संपत्ति क्षतिग्रस्त की गयी तो आयोजक से क्षतिपूर्ति की वसूली की जायेगी. ध्वनि विस्तारक यंत्र की आवाज 65 डेसीबल से ज्यादा नहीं हो, उल्लंघन की स्थिति में कार्रवाई की जायेगी.दूसरी ओर जाम के दौरान विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए एसडीओ ने चार दंडाधिकारी को प्रतिनियुक्त किया है.
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