साइनोटिक हृदय रोग का ऑपरेशन ही है एक मात्र इलाजसाइनोटिक शिशु में होने वाली एक तरह का जन्मजात हृदय रोग है. हालांकि अभी तक इस बीमारी के सही कारणों का पता नहीं चल पाया है. पर गर्भावस्था के दौरान मां को वायरल बीमारी, मेडिसिन के रिएक्शन या डायबटिज की बीमारी हो तो ऐसी स्थिति शिशु को साइनोटिक होने की संभावना रहती है. लक्षणों की सही जानकारी न होने से कई बार ये बीमारी ज्यादा घातक हो जाती है इसलिए जरूरी है कि लक्षणों की सही जानकारी रखें और लक्षण दिखते ही डॉक्टरी परामर्श लें. इस बीमारी के सामान्य लक्षण फिडिंग ना कर पाना, पसीना आना, नींद न आना, उल्टी होना, मिरगी का दौरा आना व जन्म होने के समय शिशु नीला पड़ जाना हैं. ये लक्षण शिशु के जन्म के 6 से 12 सप्ताह में दिखाई देते हैं. दवाओं के द्वारा इस बीमारी के प्रभाव को कुछ समय के लिए कम किया जा सकता है पर ऑपरेशन ही इसका एकमात्र इलाज है. बीमारी : साइनोटिक हृदय रोगलक्षण : जन्म से 6 से 12 सप्ताह के दौरान फिडिंग ना कर पाना, पसीना आना, नींद का ना आना, उल्टी होना, मिरगी का दौरा आना व जन्म होने के साथ शिशु नीला पड़ जाना.उपाय : ऑपरेशन, डॉक्टर की सलाह लें डॉ संजय कुमार तांतीपेडियाट्रिक्स कॉर्डियोलॉजिस्ट व चाइल्ड स्पेशलिस्ट
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हेल्थ बुलेटिन : डॉ संजय कुमार
साइनोटिक हृदय रोग का ऑपरेशन ही है एक मात्र इलाजसाइनोटिक शिशु में होने वाली एक तरह का जन्मजात हृदय रोग है. हालांकि अभी तक इस बीमारी के सही कारणों का पता नहीं चल पाया है. पर गर्भावस्था के दौरान मां को वायरल बीमारी, मेडिसिन के रिएक्शन या डायबटिज की बीमारी हो तो ऐसी स्थिति शिशु […]
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