कुल संपत्ति में 86 फीसदी पुरुषों के नाम, जबकि 14 फीसदी महिलाओं के नाम पर खरीद-बिक्री हुई है. राज्य सरकार की ओर से महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री कराने के लिए कई सुविधाएं दी जा रही है. इसके लिए छूट का प्रावधान है. इसके बावजूद महिलाओं के नाम पर संपत्ति खरीदने के मामले नहीं बढ़ रहे हैं. जानकारों के मुताबिक, सामाजिक व आर्थिक तौर पर महिलाओं को आजादी नहीं देने की मानसिकता के कारण ऐसा हो रहा है.
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महिला के नाम पर संपत्ति नहीं खरीदते पुरुष
जमशेदपुर: महिलाओं को समान अधिकार देने के लिए भले लंबी-चौड़ी बातें होती हैं, लेकिन हकीकत आज भी कोसों दूर है. जिले में महिलाओं के नाम पर संपत्ति नहीं खरीदना चाह रहे हैं पुरुष. जमशेदपुर जैसे राज्य के विकसित जिले में बीते वित्तीय वर्ष में सिर्फ 14 फीसदी संपत्ति की खरीदारी महिलाओं के नाम पर की […]
जमशेदपुर: महिलाओं को समान अधिकार देने के लिए भले लंबी-चौड़ी बातें होती हैं, लेकिन हकीकत आज भी कोसों दूर है. जिले में महिलाओं के नाम पर संपत्ति नहीं खरीदना चाह रहे हैं पुरुष. जमशेदपुर जैसे राज्य के विकसित जिले में बीते वित्तीय वर्ष में सिर्फ 14 फीसदी संपत्ति की खरीदारी महिलाओं के नाम पर की गयी. जिले में वित्तीय वर्ष 2014-15 (1 अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2015 तक) कुल 8175 संपत्तियों की रजिस्ट्री हुई. इनमें 7201 रजिस्ट्री पुरुषों के नाम पर और 974 महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री हुई.
दो फीसदी छूट देने का प्रावधान लागू नहीं
राज्य सरकार की ओर से महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री करने के लिए चार फीसदी की जगह दो फीसदी स्टांप फीस लगाने का प्रावधान तय किया गया था, लेकिन अब तक इस प्रावधान को लागू नहीं किया गया है. राज्य सरकार भी महिलाओं को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने के लिए कोई खास गंभीर नहीं दिख रही है.
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