आदित्यपुर : नगर परिषद में लाखों का काम नियम कानून को ताक पर रखकर करवाया गया और आगे भी अन्य काम भी इसी तरह करवाने की तैयारी की जा रही है. इसका खुलासा स्वयं नगर परिषद उपाध्यक्ष बिनोद श्रीवास्तव ने प्रेस वार्ता में किया. उन्होंने नप में की गयी गड़बड़ी के संबंध में नप अध्यक्ष राधा सांडिल को पत्र लिखकर उनका मंतव्य मांगा है. साथ ही उनके प्रोक्योरमेंट कमेटी के अध्यक्ष होने के कारण उन पर भी अंगुली उठायी है.
62 लाख के हाईमास्ट में नियमों की अनदेखी
उपाध्यक्ष श्रीवास्तव ने बताया कि नप क्षेत्र में करीब 62 लाख की लागत से 12 हाईमास्ट लाइट लगाने में नियमों की अनदेखी की गयी. इसके लिए आपूर्तिकर्ताओं से वित्तीय व तकनीकी क्षमता के आकलन के लिए मंगवायी गयी इच्छा की अभिव्यक्ति (इओआइ) पर ही कार्यादेश दिया गया. जबकि उसमें प्रति ईकाई की दर मांगी गयी थी. जिससे यह पता नहीं चला कि कितनी राशि की निविदा है. इसके कारण कई अन्य सक्षम व आपूर्तिकर्ता भाग नहीं ले सके. नियमानुसार सभी 12 हाईमास्ट लाइट लगाने के लिये ओपेन टेंडर होना चाहिए था और इसकी तकनीकी स्वीकृति विभाग के अधीक्षण अभियंता से लेनी चाहिए थी. एक हाईमास्ट लाइट के लिये पांच आपूर्तिकर्ताओं ने कोटेशन दिया था. जिसमें से श्रीराम साईं इंटरप्राइजेज मानगो को छोड़ सभी के कागजात तकनीकी रूप से अवैध थे, अत: वैध कागजातों के बावजूद पांचवां कोटेशन एकल हो जाता है. इसे ही दर वार्ता कर 5,15,555 रु प्रति हाइमास्ट लाइट की दर से काम दिया गया. जबकि प्रथम आमंत्रण में एकल आपूर्तिकर्ता को कार्यादेश देना सर्वथा अवैध है.
गलत प्रक्रिया अपनाना जारी
श्री श्रीवास्तव ने बताया कि कुल 88 लाख के हाइड्रोलिक ट्रिपिंग सिस्टम युक्त डस्टबिन, ट्रैक्टर व पानी टंकी की खरीद में भी यही गलत प्रक्रिया अपनायी जा रही है. यह जांच का विषय है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में वे कोर्ट की शरण में भी जायेंगे.