जमशेदपुर: भालूबासा में आयोजित ऑल इंडिया झारखंड बंगाली एसोसिएशन के अधिवेशन के पहले सत्र में रविवार को वक्ताओं ने बांग्ला भाषा को द्वितीय राजभाषा का दरजा दिये जाने के बावजूद उचित मान सम्मान नहीं मिलने, स्कूलों में बांग्ला पाठय़ पुस्तकों व शिक्षकों की कमी पर चिंता व्यक्त की. साथ ही बांग्ला के प्रचार-प्रसार तथा बंगाली कला संस्कृति के विकास पर जोर दिया. अधिवेशन के दूसरे सत्र में एसोसिएशन का चुनाव किया गया. अधिवेशन का शुभारंभ एसोसिएशन केझंडोत्तोलनसे हुआ.
मुख्य वक्ता एसोसिएशन के केंद्रीय समिति के अध्यक्ष सिद्धार्थ ज्योति राय ने कहा कि बंगभाषियों के आंदोलन के फलस्वरूप बांग्ला भाषा को द्वितीय राजभाषा का दरजा तो प्राप्त हुआ न ही बांग्ला माध्यम के स्कूल में बांग्ला किताबों की व्यवस्था की गयी, न शिक्षकों की नियुक्ति की गयी. दूसरी ओर बांग्ला भाषा के साथ-साथ ऐसी भाषाओं को भी द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया गया जिनकी अपनी लिपि ही नहीं है. उन भाषाओं के बीच बांग्ला भाषा का सम्मान दब कर रह गया.
अन्य वक्ता केंद्रीय संपादक तपन राय,जमशेदपुर शाखाध्यक्ष भवेश चंद्र देव, शाखा संपादक स्वपन दास गुप्ता, समिति के समाचार पत्रिका के संपादक देवप्रसाद घोष, केंद्रीय उपाध्यक्ष अंजलि भट्टाचार्य ने अधिवेशन के मूल विषय बांग्ला भाषा एवं उसके प्रचार प्रसार पर अपना वक्तव्य रखा. कार्यक्रम का संचालन विजन भट्टाचार्य ने किया. धन्यवाद ज्ञापन झर्णा कर ने किया. अधिवेशन में पूरबी चटर्जी, सुमिता बेरा, चंदना चटर्जी, ताप्ती दत्ता, दीपा बनर्जी, प्रदीप दासगुप्ता, असीम सरकार, पॉली राय, प्रशांत बनर्जी, सुभाष पाल, दिजेंद्रनाथ सरकार आदि उपस्थित थे.