उपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुर कबीरनगर में बुधवार को पैगंबर मोहम्मद (स.) सब के लिए संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस दौरान सलमा परवीन ने कहा कि तौहीद, रिसालत और आखिरत कुरआन व हदीस की बुनियाद हैं. तौहीद का मतलब एक ईश्वर को मानना, रिसालत का अर्थ एक रसूल को मानना और आखिरत का मतलब मौत के बाद इनसान का दोबारा जिंदा होना, जिसे कयामत कहते हैं. कबीरनगर यूनिट ख्वातिन (महिलाओं) को संबोधित करते हुए सलमा परवीन ने कहा कि कयामत में इनसान के किये गये कार्यों का हिसाब होता है. कार्य के आधार पर लोगों को स्वर्ग व नरक मिलता है. जमायत ए इसलामी हिंद जमशेदपुर की ओर से 10 दिवसीय सीरत मोहम्मद किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि लोगों को पैगंबर की शिक्षा को समझना चाहिए. हमें नेक और अच्छा इनसान बनना चाहिए. कयामत में हमें कोई रिश्तेदार, परिवार का कोई सदस्य मदद नहीं करेगा. कार्यक्रम की शुरुआत तिलावत ए कलाम पाक और समापन दुआ से किया गया.
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जिंदगी मिली है तो खूब नेकियां कमाओ : सलमा परवीन (11 मनमोहन 17)
उपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुर कबीरनगर में बुधवार को पैगंबर मोहम्मद (स.) सब के लिए संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस दौरान सलमा परवीन ने कहा कि तौहीद, रिसालत और आखिरत कुरआन व हदीस की बुनियाद हैं. तौहीद का मतलब एक ईश्वर को मानना, रिसालत का अर्थ एक रसूल को मानना और आखिरत का मतलब मौत के […]
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