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छह सप्ताह में करायें चुनाव

जमशेदपुर: झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर की अदालत ने मंगलवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए टाटा वर्कर्स यूनियन का चुनाव छह सप्ताह में कराने का निर्देश दिया. इसके तहत दो सप्ताह में चुनाव प्रक्रिया शुरू कराने को और चुनाव प्रक्रिया शुरू करने के चार सप्ताह के भीतर चुनाव संपन्न करा लेने का निर्देश […]

जमशेदपुर: झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर की अदालत ने मंगलवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए टाटा वर्कर्स यूनियन का चुनाव छह सप्ताह में कराने का निर्देश दिया. इसके तहत दो सप्ताह में चुनाव प्रक्रिया शुरू कराने को और चुनाव प्रक्रिया शुरू करने के चार सप्ताह के भीतर चुनाव संपन्न करा लेने का निर्देश दिया.

अदालत ने पूर्व के आदेश में संशोधन को लेकर राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जमशेदपुर के डीसी और एसपी को उक्त निर्देश दिया. सरकार की ओर से बताया गया कि दो माह के अंदर यूनियन का चुनाव नहीं कराया जा सका है. चुनाव कराने के लिए और समय देने का आग्रह किया गया. प्रतिवादी की ओर से अधिवक्ता अनूप कुमार मेहता व अन्य ने पैरवी की. पूर्व में अदालत ने प्रार्थी धर्मेद्र कुमार उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए उपायुक्त की देखरेख में दो माह में यूनियन के चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया था.

मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह आदेश दिया कि जैसे पहले चुनाव होता आया है, वैसी ही प्रक्रिया इस बार भी अपनायें. किसी तरह भी हाथ उठाकर चुनाव
नहीं होना चाहिए, बल्कि बैलेट से ही चुनाव हो. आदेश में कहा गया है कि चुनाव के लिए चुनाव पदाधिकारी डीसी की ओर से नामित पदाधिकारी या एडीसी हो सकते हैं. इसको लेकर उपायुक्त स्वविवेक से फैसला ले सकते हैं. उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को हर हाल में चुनाव को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए जवाबदेह बनाया गया है.
गौरतलब है कि टाटा वर्कर्स यूनियन का चुनाव कराने के लिए अदालत ने ही फैसला दिया था कि तीन माह में चुनाव करायें. लेकिन इस बीच उपायुक्त डॉ अमिताभ कौशल ने इस फैसले को अस्पष्ट माना और चुनाव नियमावली नहीं होने का हवाला देते हुए 23 दिसंबर 2014 को सीएमपी 445/2015 दायर कर दिया. इस मामले की सुनवाई करते हुए उपरोक्त फैसला झारखंड हाईकोर्ट ने दिया है.
पीएन सिंह व उनकी टीम चुनाव से भागना चाहती थी. यही वजह है कि उसमें इंटरवेनर भी खड़ा कराने की कोशिश की गयी थी. लेकिन हाईकोर्ट ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया. इससे यूनियन में आंतरिक लोकतंत्र मजबूत हुआ है. बीके डिंडा, महामंत्री, टाटा वर्कर्स यूनियन
हमलोग चुनाव डीसी व एसपी की देखरेख में चाह रहे थे. जजमेंट पर पूरा भरोसा था. पीएन सिंह और उनकी टीम के लोग चुनाव को रोकना चाहते थे. कोर्ट पर टाटा स्टील के कर्मियों का भरोसा बढ़ा है. डीसी, एसपी और एडीसी पर पूरा भरोसा है.
रघुनाथ पांडेय, पूर्व अध्यक्ष
हाईकोर्ट का जो आदेश मिला है, उसका अनुपालन किया जायेगा.
अमिताभ कौशल,
उपायुक्त

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