जहां बेल्ट, पहनावे, शरीर के ढांचे, काले मोजे व जैकेट के आधार पर शव की पहचान की गयी. कुछ देर तक शव की स्थिति देख अजय ने भी पहचानने से इनकार कर दिया था, लेकिन बाद में पहनावा के आधार पर पहचान कर ली. अजय की गाड़ी के चालक युसूफ से भी पुलिस ने शव की पहचान करायी. भगवान दास का अपहरण 29 दिसंबर को जमशेदपुर से किया गया था. भगवान दास मानगो पोस्ट ऑफिस रोड स्थित बैकुंठनगर रोड नंबर-4 में रहते थे. अपहरण के दिन वे मानगो स्थित आकाशगंगा मार्केट में अपने दफ्तर गये थे.
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भगवान दास की हत्या, छह गिरफ्तार
जमशेदपुर: अपहृत उद्यमी भगवान दास का शव हजारीबाग जिला के इचाक थाना अंतर्गत कदम और रसोइ पार्क के बीच स्थित जंगल से बरामद किया गया है. शव को जंगली कुत्ताें ने पूरी तरह से नोंच दिया था. इस कारण पुलिस को शिनाख्त करने में परेशानी हुई. पुलिस भगवान दास के बेटे अजय कुमार गुप्ता को […]
जमशेदपुर: अपहृत उद्यमी भगवान दास का शव हजारीबाग जिला के इचाक थाना अंतर्गत कदम और रसोइ पार्क के बीच स्थित जंगल से बरामद किया गया है. शव को जंगली कुत्ताें ने पूरी तरह से नोंच दिया था. इस कारण पुलिस को शिनाख्त करने में परेशानी हुई. पुलिस भगवान दास के बेटे अजय कुमार गुप्ता को रांची रिम्स अस्पताल ले गयी.
पुलिस ने इस मामले में आजादनगर (आजाद बस्ती) के छह युवकों को गिरफ्तार किया है. उनकी गिरफ्तारी के बाद ही पूरे मामले का खुलासा हुआ. साथ ही भगवान दास का जिस इनोवा गाड़ी से अपहरण किया गया था, पुलिस ने उसे भी ओड़िशा से जब्त कर लिया है.
एसएसपी एवी होमकर ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि पुलिस टीम ने घटना से जुड़े छह अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. पुलिस बुधवार को पूरे मामले का खुलासा करेगी. इधर मंगलवार की रात 9 बजे के बाद परिवार के सदस्यों को भगवान दास के शव मिलने की जानकारी हुई.
खबर मिलते ही परिवार का माहौल गमगीन हो गया. इधर परिजनों ने भगवान दास के मित्र काला अख्तर पर हत्या करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि पैसे को लेकर उनकी हत्या की गयी है.
नौ दिनों तक जिला पुलिस की टीम रही सीवान में : एसएसपी के नेतृत्व में गठित जांच टीम ने पिछले नौ दिनों तक सीवान में छापेमारी की थी, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा. पुलिस को सुराग मिल रहा था कि बिहार के एक बड़े अपराधी गिरोह द्वारा भगवान दास का अपहरण किया गया है. सीवान गयी पुलिस टीम 20 जनवरी की रात शहर लौटी आयी थी.
गुप्त रखा गया था ऑपरेशन : अपहरण की जांच में जुटी पुलिस टीम को सीधे एसएसपी लीड कर रहे थे. जांच इस तरह से हो रही थी कि एक टीम को दूसरे टीम के काम की जानकारी नहीं हो पा रही थी. हर टीम की गतिविधियों से एसएसपी अवगत हो रहे थे और टीम को सीधे गाइड कर रहे थे.
29 दिसंबरकी रात ही जंगल में फेंक दिया गया था शव
पुलिस सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार अपराधियों ने पुलिस को बताया कि 29 दिसंबर को भगवान दास का अपहरण किया गया था.इसके लिए इनोवा गाड़ी का प्रयोग किया गया. अपहरण के बाद गमछा से मुंह और रस्सी से हाथ पैर बांध दिया गया. उनके दोनों फोन स्विच ऑफ कर दिये गये. पहले रामगढ़ में रखा गया. इसके बाद दूसरी जगह पर रखा गया. जहां दम घुटने से भगवान दास की मौत हो गयी. भगवान दास के मरने के बाद अपराधी शव को इचाक की घाटी में ले गये और वहां फेंक कर फरार हो गये.
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