जमशेदपुरः बागबेड़ा, घाघीडीह और कीताडीह मौजा में एक भी सरकारी गर्ल्स हाई स्कूल नहीं है, जबकि तीनों मौजा में गांवों की संख्या 49 है. इन गांवों में करीब तीन लाख लोग रहते हैं. 90 प्रतिशत लोग गरीब हैं.
यहां की लड़कियां जुगसलाई स्थित राम जानकी हाइस्कूल अथवा करनडीह स्थित सरकारी हाइस्कूल मंे पढ़ने जाती हैं. कांचा समेत कई गांवों से इन स्कूलों की दूरी पांच से 10 किलोमीटर है. दूरी की वजह से कई लड़कियां चाह कर भी स्कूल नहीं जा पाती हैं. फलत: उसकी पढ़ाई छूट जाती है. कुछ परिवार लड़कियों को निजी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं. घाघीडीह मौजा में 26 गांव है. यहां प्राइमरी स्कूलों की संख्या 13 है. इनमें दो उत्क्रमित स्कूल है. यहां क्लास आठ तक पढ़ाई होती है.
इसी तरह बागबेड़ा में आठ प्राइमरी स्कूल है. यहां एक उत्क्रमित स्कूल है. कीताडीह में आधा दर्जन से अधिक प्राइमरी स्कूल है. मगर पूरे इलाके में लड़कियों के लिए एक भी सरकारी हाइ स्कूल नहीं है.
फायदा उठा रहे हैं कोचिंगवाले
लड़कियों के लिए एक भी हाइस्कूल नहीं रहने का लाभ कोचिंग वाले उठा रहे हैं. वे पढ़ने की इच्छुक लड़कियों के अभिभावकों को बरगलाते हैं. उनसे मनमाना रकम वसूल कर प्राइवेट तौर पर परीक्षा दिलवाते हैं. यह गोरख धंधा कई कोचिंगवाले कर रहे हैं. इन कोचिंग के माध्यम से आठवीं के बाद सीधे बोर्ड की परीक्षा दिलायी जाती है. जिला पार्षद सपन मजूमदार, लक्ष्मी देवी, विधायक मेनका सरदार ने अब तक कोई पहल नहीं की.
बालिका हाइस्कूल के लिए बेमियादी धरना आज से
जमशेदपुर त्रघाघीडीह मौजा में एक बालिका उच्च विद्यालय खोलने की मांग को लेकर यूथ डिबेट सोसाइटी गुरुवार से प्रखंड कार्यालय के समक्ष अनिश्चित कालीन धरना शुरू करेगी. सोसाइटी के सुशील खां ने बताया कि आसपास उच्च विद्यालय नहीं होने के कारण बालिकाएं स्कूल छोड़ रही हैं. दैनिक मजदूरी कर घर गृहस्थी चलानेवाला परिवार अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए बाहर भेजने में असमर्थ है. उन्होंने कहा कि घाघीडीह, कीताडीह और बागबेड़ा मौजा के बीच एक मध्य विद्यालय को हाई स्कूल बनाया जा सकता है.