लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरउत्तर प्रदेश संघ की सांस्कृतिक समिति द्वारा मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल (एमएनपीएस) सभागार में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन कथावाचक पंडित राजकुमार वाजपेयी ने कहा कि ईश्वर को समस्त अवतारों की भूमिका में समझना अति दुष्कर है. भगवान की प्रत्येक बाल लीला में कोई न कोई रहस्य विद्यमान है. उन्होंने कहा कि पूतना अपने स्तन में जहर जमा कर श्रीकृष्ण को समाप्त करना चाहती थी, लेकिन वह स्वयं समाप्त हो गयी. पूतना को विषाक्त वासना बताते हुए पंडित वायपेयी ने कहा कि वासना चाहे जितनी भी सुंदर हो, वह परमात्मा के सौंदर्य के आगे तुच्छ है. वह रिझा कर और अपने आप को दिखा कर परमात्मा को पकड़ना चाहती है, लेकिन उसकी तरफ देखना तो दूर, ईश्वर अपनी आंखें बंद कर लेते हैं. इस तरह अंतत: जीत ईश्वर की सत्ता की होती है. अत: जीव जब तक ईश्वर की शरण में नहीं जाता, तब तक संसार की वासना से नहीं बच पाता है. इस अवसर पर संघ के उपाध्यक्ष रामफल मिश्र, महासचिव डॉ डीपी शुक्ल, केपी सिंह, आरजी त्रिपाठी, गीता शुक्ल, बच्चन दूबे, एके पांडेय, बालकृष्ण वार्षणे, बैजनाथ दूबे, अखिलेश कुमार शुक्ल, मनोज कुमार, चित्रा देवी, मिथिला देवी, गीता देवी, गोदावरी देवी, शांति देवी, आशा दूबे, शिव कुमारी, लक्ष्मी श्रीवास्तव, समा देवी, धनवर्षा, राकेश दूबे समेत संघ के सभी सदस्य, एमएनपीएस के कर्मचारी एवं अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे.
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उत्तर प्रदेश संघ के तत्वावधान में श्रीमद्भागवत कथा का छठा दिन
लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरउत्तर प्रदेश संघ की सांस्कृतिक समिति द्वारा मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल (एमएनपीएस) सभागार में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन कथावाचक पंडित राजकुमार वाजपेयी ने कहा कि ईश्वर को समस्त अवतारों की भूमिका में समझना अति दुष्कर है. भगवान की प्रत्येक बाल लीला में कोई न कोई रहस्य विद्यमान है. उन्होंने कहा […]
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