गैर आदिवासी मुख्यमंत्री पर आदिवासी -मूलवासी जनमानस की व्याकुलता पर मंथन की जरूरत (फ्लैगसंवाददाता, जमशेदपुर पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि आदिवासी-मूलवासी जनमानस में गैर आदिवासी मुख्यमंत्री को को लेकर स्वाभाविक व्याकुलता और चिंता देखी जा रही है. इसके लिए दोषी कौन है और इसका समाधान क्या है, पर चिंतन की आवश्यकता है. बिरसा के झारखंड को पुनर्स्थापित करने के लिए झारखंडी मुद्दों को केंद्रित कर एकजुट होना होगा. चाहे हम किसी भी सामाजिक-राजनीतिक संगठन से जुड़े क्यों न हों, पहले झारखंडी मुद्दों के साथ अपनों को जोडे़ं और उसकी स्थापना के लिए आवाज बुलंद करें. तभी हम बचेंगे, झारखंड बचेगा और मुख्यमंत्री की कुरसी भी बचेगी. झारखंडी नेता अब तक झारखंडी मुद्दों के प्रति उदासीन, तटस्थ और नकारात्मक रवैया अपनाते रहे हैं. आज की परिस्थितियों के लिए झारखंडी नेता, खासकर पूर्व के मुख्यमंत्री और मुद्दाविहीन पार्टी व वोट देने वाली जनता भी जिम्मेवार है. श्री मुर्मू ने कहा कि अभी भी वक्त है, झारखंडी मुद्दों को स्थापित करें. उसके साथ अपनों को स्थापित करें. तभी बिरसा मुंडा के सपनों का झारखंड स्थापित होगा. झारखंड क्यों बना, किसके लिए बना, इसके विकास का मॉडल कैसा होगा, समेत अन्य प्रश्नों के उतर को खोजना होगा.
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वर्तमान हालात के लिए झारखंडी नेता जिम्मेवार : सालखन (डाक के लिए
गैर आदिवासी मुख्यमंत्री पर आदिवासी -मूलवासी जनमानस की व्याकुलता पर मंथन की जरूरत (फ्लैगसंवाददाता, जमशेदपुर पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि आदिवासी-मूलवासी जनमानस में गैर आदिवासी मुख्यमंत्री को को लेकर स्वाभाविक व्याकुलता और चिंता देखी जा रही है. इसके लिए दोषी कौन है और इसका समाधान क्या है, पर चिंतन […]
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