जमशेदपुर: मनरेगा एवं रेलवे के समन्वय से रेलवे क्षेत्र में योजनाएं शुरू की जायेगी. मनरेगा श्रमिकों को रेलवे लाइन क्षेत्र में गिट्टी-पत्थर बिछाने समेत अन्य काम मिलेंगे. केंद्र सरकार ने मनरेगा और रेलवे के कंजरवेंस से योजना शुरू करने का निर्देश दिया है. रेलवे क्षेत्र में मनरेगा श्रमिकों को काम देने संबंधी आदेश जिला प्रशासन को मिला है. जिला प्रशासन जल्द रेलवे अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्य की रूप रेखा तैयार करेगी.
माइकल जॉन प्रेक्षागृह में मनरेगा की वित्तीय वर्ष 2015-16 की कार्य योजना एवं श्रम बजट तैयार करने के लिए कार्यशाला की गयी. कार्यशाला में डीडीसी लाल मोहन महतो, डीआरडीए निदेशक रंजना मिश्र, पीएमआरडीएफ राजीव रंजन, सभी बीडीओ, बीपीओ, रोजगार सेवक, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता उपस्थित थे. इस दौरान मनरेगा एवं अन्य योजनाओं के कंजरवेंस तथा सिर्फ मनरेगा की योजनाओं में किस तरह श्रम बजट तैयार करना है, इसकी जानकारी दी गयी.
सीएफटी में दो और प्रखंड शामिल
कलस्टर फैशलिएशन टीम (सीएफटी) में जिले के दो और प्रखंड चाकुलिया एवं पोटका को शामिल किया गया है. पूर्व में पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिले के चार प्रखंड पटमदा, बोड़ाम, घाटशिला एवं डुमरिया को शामिल किया गया था.
प्राथमिकता के आधार पर करें योजना का चयन
कार्यशाला में बताया गया कि सामग्री मद में 40 प्रतिशत से कम और श्रम बजट में 60 प्रतिशत से ज्यादा राशि खर्च करना है. कृषि क्षेत्र (तालाब, सिंचाई नाला, कच्ची नाली निर्माण समेत 30 काम) में 60 प्रतिशत से ज्यादा राशि खर्च करनी है. इस वित्तीय वर्ष की अपूर्ण योजना को भी 2015-16 के वार्षिक कार्य योजना में शामिल करना है. जिन योजनाएं का काम शुरू नहीं हुआ है, उसे अगले साल की वार्षिक कार्य योजना में शामिल करना है.गांव-टोलों में प्राथमिकता के आधार पर योजनाओं का कार्यान्वयन करना है.
जिले को मिले 7 करोड़ रुपये
जिले में मनरेगा की योजनाओं को पूर्ण करने के लिए सात करोड़ रुपये मिले हैं. इसमें से 1 करोड़ 1 लाख रुपये रिवाल्विंग फंड (राज्य सरकार द्वारा उधार में दिये गये) में काट लिया गया है. जिले को 5 करोड़ 99 लाख रुपये दिये गये हैं. वित्तीय वर्ष 2014-15 में जिले को पूर्व में 23 करोड़ रुपये मिले थे. इसमें से 25. 64 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. जिले में 4021 में से 539 योजनाएं पूर्ण हुई है. इस वित्तीय वर्ष में लगभग 29 करोड़ रुपये मिले हैं.