जमशेदपुर: प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी पहली बार जमशेदपुर आ रहे हैं. शनिवार को बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में वे चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. क्या नरेंद्र मोदी इस मंच से उन लंबित योजनाओं को पूर्ण करने संबंधी घोषणा करेंगे, जो सीधे तौर पर शहर की व्यवस्था से जुड़ी हुई हैं.
क्या उनका विजन जमशेदपुर के विकास के लिए भी दिखेगा. सबसे अहम मामला जो लंबित है वह है टाटा स्टील समेत अन्य कंपनियों की खदानों के खुलने का. टाटा स्टील का नोवामुंडी माइंस बंद है तो बोकारो स्टील का भी माइंस बंद पड़ा हुआ है. इन्हें खोलने के लिए राज्य सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव पारित कर दिया है, लेकिन केंद्रीय स्तर पर इन खदानों को खोलने का रास्ता नहीं निकाला गया है, जिसको लेकर टाटा स्टील समेत कई कंपनियां झारखंड हाइकोर्ट की शरण में जा चुकी है. यह स्थिति इस कारण उत्पन्न हुई है क्योंकि खदानों को लेकर किसी तरह का कोई ठोस फैसला नहीं लिया जा सका है. बगैर आयरन ओर के सीधे तौर पर कंपनियों के प्रोडक्शन तो गिर ही रहे हैं, स्टील की कीमत भी बढ़ ही रही है. कई लोग बेरोजगार भी हो चुके हैं.
टाटा स्टील के अलावा जादूगोड़ा का यूसिल माइंस भी अब तक बंद पड़ा हुआ है, जिस पर केंद्र सरकार के फैसले के बावजूद कागजी कार्रवाई पूरी नहीं हो पायी है.
कैसे होगा मेक इन इंडिया या झारखंड का सपना साकार
नरेंद्र मोदी का विजन ‘मेक इन इंडिया या मेक इन झारखंड’ को लागू करने का है. जो जहां है, वहीं उत्पादन हो और राज्यों का विकास हो, लेकिन खदानों के बंद होने के कारण सौ साल से अधिक वर्षो से चलने वाली कंपनियों पर ही संकट उत्पन्न हो गया है. लोग बेरोजगारी का दंश ङोलने को मजबूर हैं.
टाटा वर्कर्स यूनियन ज्ञापन सौंपेगी
टाटा स्टील की खदानें बंद होने के मामले को लेकर टाटा वर्कर्स यूनियन एक ज्ञापन सौंपने जा रही है. अगर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाकात नहीं हो पाती है तो फिर रघुवर दास के माध्यम से यह ज्ञापन सौंपा जायेगा. इसकी जानकारी उपाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव ने दी.
खदानें खुलना जरूरी : एके श्रीवास्तव
जमशेदपुर सिटीजन फोरम के अध्यक्ष एके श्रीवास्तव ने बताया कि खदानों का खुलना जरूरी है. अगर खदानें नहीं खुलेगी तो यहां बेरोजगारी बढ़ेगी. मेक इन झारखंड का सपना तभी साकार होगा जब रॉ मैटेरियल मिलेगा, इसके लिए सरकार को ही कदम उठाने की जरूरत है.
जमशेदपुर में एयरपोर्ट की योजना धरातल पर उतरेगी!
जमशेदपुर में एक एयरपोर्ट की योजना को धरातल पर उतारा जाना है. इसको लेकर यहां के उद्यमियों कीपुरानी डिमांड रही है. केंद्र स्तर पर ही यह मामला रुका हुआ है, जिसके लिए लोग घोषणा का इंतजार कर रहे हैं.