जमशेदपुर: कोडरमा में टाटा स्टील द्वारा वैकल्पिक तौर पर जमीन की खरीदारी करने के मामले में तथाकथित तौर पर हुए जमीन घोटाले में नया मोड़ आ गया है. कोडरमा में जिस जमीन की खरीदारी टाटा स्टील ने की थी, वह जमीन उनकी है और सारे दस्तावेज सही हैं.
इसको लेकर जमीन मालिक ने ही उपायुक्त सह जांच पदाधिकारी को लिख कर दे दिया है कि टाटा स्टील को जो जमीन बेची गयी है, वह सही है और अपने अधिकार का उपयोग करते हुए उन्होंने अपनी जमीन बेची है. इस मामले की जांच कर रहे पदाधिकारियों को भी इसकी प्रति दी गयी है.
उपायुक्त को भेजे गये पत्र में जमीन मालिक मरकच्चो थाना के ग्राम बिगहा फुलवरिया निवासी बदरी मेहता के पुत्र बासुदेव महतो ने बताया है कि उनकी खानदानी जमीन मौजा हैलाखंडर, खाना 227, खाता 63 कैडस्टल सर्वे में गैर मजरुआ खास जमीन है. पत्र में कहा गया है कि खाता नंबर 63 में इसका जिक्र किया गया है, जिसके तहत प्लॉट संख्या 46, 206, 208, 210, 222, 71, 77 कुल 329.66 एकड़ जमीन उमराव कुमारी द्वारा 6 अप्रैल 1940 को उनके पूर्वज विष्णु महतो (मुरारी महतो) के नाम बेची गयी थी. इसके बाद लाटो महतो, बंधन महतो, छोटन महतो, विष्णु महतो के नाम इस जमीन की बंदोबस्ती हो गयी. विष्णु महतो व अन्य के बाद इस जमीन के सात उत्तराधिकारी हुए, जिसमें पारो, बिहवा, बासुदेव महतो (पत्र लिखने वाले), राधा देवी, लालमोहन मेहता के नाम हुई, जिन लोगों ने मिलकर इस जमीन को टाटा स्टील को बेची. उसने बताया है कि कुछ लोग बेवजह उनकी ही जमीन को गलत ठहराने में लगे हुए हैं.
अगर टाटा स्टील को बेची गयी जमीन सही नहीं है तो इसको सक्षम न्यायालय में ले जाया जाये, जहां से नैसर्गिक न्याय हो सके. इस पूरे मामले में टाटा स्टील की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गयी है और कोई भी टिप्पणी करने से भी इनकार किया गया है.