जमशेदपुर: केबुल कंपनी को खोलने को लेकर गुरुवार को सुनवाई के दौरान बायफर में हंगामा हो गया. आरआर केबुल के समर्थित यूनियन के प्रेम सागर सिंह और शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने हंगामा किया और टाटा स्टील को फाइनल बिडर बनाने के विरोध में एसबीआइ के खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान बायफर के अध्यक्ष ने हंगामा करने वालों को सुनवाई के रूम से ही बाहर निकाल दिया, जिसके बाद मामला शांत हुआ.
बायफर में निर्धारित समय के मुताबिक सुनवाई शुरू हुई. शुरुआत में बायफर के अध्यक्ष ने दिल्ली हाइकोर्ट में केस की स्थिति के बारे में जानकारी ली. इस दौरान आरआर केबुल और टाटा स्टील की ओर से बताया गया कि हाइकोर्ट में सुनवाई हुई है, लेकिन फैसला नहीं आया है. इसके बाद कंपनी के ऑपरेटिंग एजेंट स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआइ) के प्रतिनिधियों से पूछा गया कि क्या फाइनल रिपोर्ट दे दी गयी है.
इस पर एसबीआइ के प्रतिनिधियों ने बायफर को रिपोर्ट दी कि किसी तरह की कोई त्रुटि नहीं है और फाइनल रिपोर्ट दे दी गयी है. रिपोर्ट में टाटा स्टील को ही बिडर बताया गया है. इसके बाद आरआर केबुल समर्थित यूनियन के पदाधिकारी शत्रुघ्न सिंह और प्रेमसागर सिंह ने हंगामा शुरू कर दिया. स्टेट बैंक को तत्काल हटाने की मांग की और टाटा स्टील के साथ सेटिंग होकर रिपोर्ट देने का आरोप लगाया. इसका विरोध टाटा स्टील समर्थित यूनियन के महामंत्री रामबिनोद सिंह ने भी किया और हंगामा बढ़ने लगा. टाटा स्टील का विरोध करने पर वहां मौजूद टाटा स्टील के पदाधिकारी डी कुमार ने एतराज जताया. मामला गंभीर होता देख बायफर के चेयरमैन ने आरआर केबुल के समर्थित यूनियन पदाधिकारियों को फटकार लगायी. इस मामले में सुनवाई की अगली तिथि भी निर्धारित नहीं हो पायी. मौखिक तौर पर बायफर के चेयरमैन ने कहा कि अक्तूबर या नवंबर में इस मामले की सुनवाई की जायेगी.