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निकाय के भरोसे शहर की ट्रैफिक पुलिस

जमशेदपुर: हर वर्ष 80-87 लाख रुपये सरकार को राजस्व देने के बावजूद शहर की ट्रैफिक पुलिस संसाधनविहीन है. ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने में लगने वाले सामान के लिए दूसरे विभागों के भरोसे रहना पड़ता है. ज्ञात हो कि हर वर्ष औसतन 150 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत और 450 लोगों के घायल होने के […]

जमशेदपुर: हर वर्ष 80-87 लाख रुपये सरकार को राजस्व देने के बावजूद शहर की ट्रैफिक पुलिस संसाधनविहीन है. ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने में लगने वाले सामान के लिए दूसरे विभागों के भरोसे रहना पड़ता है.

ज्ञात हो कि हर वर्ष औसतन 150 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत और 450 लोगों के घायल होने के बावजूद सरकार ट्रैफिक पुलिस को साधन मुहैया नहीं करा रही हैं. ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए उपायुक्त डॉ अमिताभ कौशल ने पिछले दिनों निकाय फंड से ट्रैफिक पुलिस को सुविधा देने का निर्देश दिया था. ट्रैफिक पुलिस के पास गति मापने के लिए अपना स्पीडार, धूप-बारिश में ड्यूटी करने वाले 109 ट्रैफिक सिपाहियों के बचाव के लिए छतरी तक नहीं है. निकाय के फंड से ये सामान खरीद कर ट्रैफिक पुलिस को देने की तैयारी चल रही है. सूची में गति मापने की मशीन स्पीडार का नाम नहीं है.

नहीं मिला आपूर्तिकर्ता
वित्तीय वर्ष 2012-13 में ट्रैफिक पुलिस के लिए स्पीडार समेत अन्य यंत्र की खरीद के लिए परिवहन विभाग ने टेंडर निकाला था, लेकिन किसी ने टेंडर नहीं डाला था. इस कारण राशि सरेंडर करनी पड़ी थी.

‘‘शहर में फिलहाल 109 ट्रैफिक पुलिसकर्मी कार्यरत हैं. ट्रैफिक पुलिस के पास गति सीमा मापने के लिए स्पीडार नहीं है.

– राकेश मोहन सिन्हा ट्रैफिक डीएसपी.

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