जमशेदपुर: 22 मई के हादसे के बाद बेटे की हालत देख एक पल के लिए मुङो लगा कि शायद मैं अपने पुत्र को खो दूंगी, लेकिन मर्सी अस्पताल के चिकित्सकों की मेहनत ने मेरे बेटे को नयी जिंदगी दी है.
36 दिनों तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद आज मेरा बेटा एक दम ठीक है. उक्त बातें चांडिल निवासी भाग्य लक्ष्मी ने प्रेस कांफ्रेंस में संवाददाताओं से कही. उसने बताया कि 22 मई को उसके छह साल का बेटा डी कौशल राव अचानक लकवाग्रस्त हो गया. वह बिस्तर से उठ नहीं पा रहा था. 23 मई को उसे मर्सी अस्पताल लेकर आयी.
देश में 8 प्रतिशत गुलेनबारी बीमारी से ग्रसित : बच्चे का इलाज करने वाले डॉ शुभोजीत बनर्जी ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि बच्चे की स्थिति काफी खराब थी. डॉक्टरों ने चैलेंज लेते हुए उसका इलाज शुरू किया. उसके माता-पिता ने भी हमपर विश्वास दिखाया. उसके रीढ़ की हड्डी से पानी निकाल कर जांच की गयी. पता चला कि उसे गुलेनबारी नामक बीमारी है. यह बीमारी वायरल इंफेक्शन व वैक्सीन के कारण होती है. उसे 36 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखने के बाद आज वह ठीक है.