संदीप सावर्ण, जमशेदपुर : एनआइओएस की ओर से डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) करवाने के नाम पर पड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है. हैकरों ने प्राइवेट स्कूलों के अकाउंट को हैक कर स्कूल के कोड से कई फर्जी शिक्षकों का फॉर्म भर दिया. इस बात का खुलासा तब हुआ जब लोयोला हिंदी स्कूल के प्रिंसिपल दयानिधि विशोई को एनआइअोएस की अोर से उन सभी शिक्षकों की सूची भेजी गयी, जिन्हें डीएलइडी करने के लिए चुना गया, लेकिन इस सूची में दो ऐसे शिक्षकों का नाम भी शामिल था, जिनका स्कूल से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था.
लेकिन स्कूल कोड में उन्हें स्कूल का शिक्षक होना बता कर उनका फॉर्म भर दिया गया था. इस पूरे प्रकरण की गहनता से जांच के बाद पाया गया कि स्कूल के कोड को हैक कर लिया गया था अौर फर्जी तरीके से दो शिक्षकों को स्कूल से आवेदन करवाया गया है. अब स्कूल प्रबंधन द्वारा इस मामले की जानकारी एनआइअोएस रीजनल सेंटर के साथ ही जिला शिक्षा विभाग को भी लिखित रूप से दी गयी है. साथ ही उक्त दोनों फर्जी शिक्षकों के आवेदन को रद्द करने को कहा गया है.
क्लर्क बन गया शिक्षक, तो किसी ने अपनी पत्नी को बताया फर्जी शिक्षिका :
लोयोला हिंदी स्कूल के प्रिंसिपल फादर दयानिधि विशोई ने कहा कि अकाउंट हैक करने के पूरे मामले की तकनीकी जांच के बाद यह बात उभर कर सामने आयी कि स्कूल के अस्थायी क्लर्क नीलेश राज ने अकाउंट को हैक किया है. उसने खुद को स्कूल का पुराना शिक्षक बता कर गलत तरीके से अॉनलाइन आवेदन कर दिया था, जबकि स्कूल के ही एक शिक्षक प्रकाश नारायण ने अपनी पत्नी निभा कुमारी का स्कूल के अकाउंट से गलत तरीके से फॉर्म भरवा दिया था.
इसके अलावा स्कूल में कार्यरत तस्कीन निगर ने स्कूल में कार्य करने के बावजूद गलत तरीके से ठक्कर बप्पा प्राइमरी स्कूल से अपना आवेदन किया, जबकि वह लोयोला हिंदी स्कूल की शिक्षिका हैं. वहीं, डीएलइडी फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद स्कूल प्रबंधन ने क्लर्क को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है, जबकि प्रकाश नारायण को शो-कॉज जारी किया गया है. स्कूल की शिक्षिका तस्कीन निगर ने अपनी गलती स्वीकारी है अौर लिखित रूप से माफी मांगी है.
शिक्षकों के आंकड़े में बाजीगरी रातों-रात बन गये 244 शिक्षक
डीएलइड करवाने के नाम पर विभागीय जांच में जो बातें उभर कर सामने आयी है, वह चौंकाने वाला है. जिले से 596 स्कूलों को मिले यू डायस कोड में से 76 स्कूलों का प्रस्ताव जिला शिक्षा विभाग ने नहीं भेजा था, लेकिन उक्त 76 स्कूलों का यू डायस कोड एनआइओएस द्वारा सृजित किया गया.
हालांकि इससे पूर्व अब तक उक्त स्कूल द्वारा ना ही कभी आरटीइ के तहत मान्यता के लिए आवेदन दिया गया और ना ही स्कूल संचालन से संबंधित जिले को दी गयी थी. इसके अलावा अन्य 520 स्कूलों में से कुल 61 स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने पूर्व में यू डायस को पूर्व में जो शिक्षकों की कुल संख्या की जानकारी उपलब्ध करवायी थी, उस संख्या से 244 अधिक शिक्षक अपने यहां से इनरोल करवाया हुआ दिखाया गया है.