जमशेदपुर : एमजीएम में डॉक्टर व कर्मचारी के गायब रहने की सूचना को गंभीरता से लेते हुए अधीक्षक डॉ एसएन झा लगातार औचक निरीक्षण कर रहे हैं. इसी क्रम में सोमवार की देर रात अधीक्षक ने इमरजेंसी का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने पाया कि इमरजेंसी में कार्यरत दो जूनियर डॉक्टर गायब थे.
गायब पाये जाने पर दोनों डॉक्टरों की हाजिरी अधीक्षक ने काट दी. इसके साथ ही अधीक्षक अभी तक तीन जूनियर डॉक्टर व आधा दर्जन से ज्यादा कर्मचारियों की हाजिरी काट चुके हैं. जानकारी देते हुए अधीक्षक ने बताया कि अस्पताल में लगातार औचक निरीक्षण किया जायेगा. इस दौरान अगर कोई डॉक्टर, कर्मचारी व पदाधिकारी गायब मिलते हैं, तो उनकी हाजिरी काट दी जायेगी.
इसके बाद भी अगर सुधार नहीं हुआ तो कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा जायेगा. अधीक्षक ने विभाग से मांगे आठ करोड़, व्यवस्था सुधारने का दावा : एमजीएम की स्थिति सुधारने के लिए अधीक्षक डॉ एसएन झा ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर लगभग आठ करोड़ की मांग की है. इन रुपयों को विभिन्न मदों में लगाकर कमी को दूर किया जा सके. उन्होंने बताया कि एमजीएम में एमसीआइ की अापत्तियों के निराकरण हेतु प्रत्येक वर्ष नयी-नयी मशीनों का क्रय किया जाता है, लेकिन रख-रखाव मद में काफी कम पैसा आवंटन होता है, जिससे सही से मशीनों का रख-रखाव नहीं हो पाता है.
वहीं, अस्पताल में पूर्व में लगे मशीन, उपकरणों की मरम्मती नहीं हो पा रही है. इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से एक करोड़ रुपये की मांग की है. वहीं, अस्पताल में दवाओं की कमी को दूर करने के लिए विभाग से चार करोड़ रुपये की मांग की है. साथ ही अस्पताल में मरीजों के लिए चादर, कंबल, तकिया, बेड गद्दा, एक्सरे फिल्म के लिए प्रतिवर्ष दो करोड़ की जरूरत होती है, लेकिन विभाग की ओर से बहुत कम आवंटन किया जाता है.
इसके साथ ही अस्पताल में जलापूर्ति लाइन क्षतिग्रस्त हो गये है, जिसके लिए पीएचइडी से प्राक्कलन तैयार करने का अनुरोध किया गया था. वहीं विभाग की ओर से एक करोड़ 49 लाख का प्राक्कलन प्रस्तुत किया गया है. जिससे अस्पताल में हो रही पानी की समस्या को दूर किया जा सकता है. इसके साथ ही अस्पताल में सुरक्षागार्ड रूम, कंट्रोल बैरियर का निर्माण के साथ ही साइकिल स्टैंड की व्यवस्था करने की जरूरत है.