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जमशेदपुर : पूर्व सीओ महेश्वर महतो व अन्य पर होगी कार्रवाई

जमशेदपुर : कदमा के उलियान में करोड़ों की सरकारी जमीन निजी लोगों को नामांतरित (म्यूटेशन) करने के मामले में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने संलिप्त पदाधिकारियों-कर्मचारियों पर प्रपत्र क गठित करने तथा नामांतरण रद्द करने का आदेश दिया है. राजस्व विभाग के निर्देशानुसार अपर उपायुक्त एसके सिन्हा ने जमशेदपुर के अंचलाधिकारी अनुराग कुमार तिवारी […]

जमशेदपुर : कदमा के उलियान में करोड़ों की सरकारी जमीन निजी लोगों को नामांतरित (म्यूटेशन) करने के मामले में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने संलिप्त पदाधिकारियों-कर्मचारियों पर प्रपत्र क गठित करने तथा नामांतरण रद्द करने का आदेश दिया है.
राजस्व विभाग के निर्देशानुसार अपर उपायुक्त एसके सिन्हा ने जमशेदपुर के अंचलाधिकारी अनुराग कुमार तिवारी को पत्र लिख कर जमीन का नामांतरण रद्द करने का निर्देश दिया है.
एडीएम सुबोध कुमार अौर एडीसी एसके सिन्हा की जांच रिपोर्ट के आधार पर उपायुक्त अमित कुमार ने राजस्व विभाग के सचिव को पत्र लिख कर पूर्व अंचलाधिकारी महेश्वर महतो पर कानूनी अौर विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी अौर पूर्व एडीसी व स्वर्णरेखा परियोजना में पदस्थापित सुनील कुमार, अंचल निरीक्षक राजेंद्र यादव, राजस्व कर्मी स्निग्धा के संबंध में दिशा-निर्देश मांगा था.
राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव राम कुमार सिन्हा ने डीसी को पत्र लिख मामले में संलिप्त पदाधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई के लिए प्रपत्र क गठित कर भेजने व नामांतरण रद्द करने को कहा है.
साथ ही संबंधित पदाधिकारियों-कर्मचारियों को शो कॉज किया गया है.
आठ कट्ठा सरकारी जमीन निजी लोगों के नाम कर दी : कदमा के उलियान में (जमशेदपुर अंचल के वार्ड संख्या दो उलियान के थाना नंबर 1158, प्लॉट संख्या 1073 ) आठ कट्ठा सरकारी जमीन को निजी लोगों के नाम नामांतरण करने का मामला रजिस्ट्री विभाग की पकड़ में आया था, जिसके बाद उपायुक्त ने एडीसी अौर एडीएम की टीम गठित कर मामले की जांच करायी थी.
एडीएम एवं एडीसी ने जांच रिपोर्ट में सरकारी जमीन को निजी चार लोगों के नाम नामांतरण करने की बात को सही पाया था. जांच रिपोर्ट में बताया गया था कि आठ कट्ठा जमीन को चार लोगों ने खरीदी थी.
सरकारी जमीन को रैयती बताते हुए अंचल कार्यालय से एडीसी कार्यालय को रिपोर्ट दी गयी थी अौर एडीसी कार्यालय के आदेश का हवाला देते हुए अंचलाधिकारी ने लगान निर्धारण कर सरकारी जमीन का नामांतरण चार लोगों के नाम कर दिया था. जांच रिपोर्ट में बताया गया था कि पूर्व एडीसी सुनील कुमार ने अपने बयान में कहा कि आदेश में उनका हस्ताक्षर नहीं है अौर फर्जी हस्ताक्षर किया गया है.
उन्होंने कोई आदेश निर्गत नहीं किया था. फाइल की निर्गत पंजी की जांच करने पर एडीसी कार्यालय के जिस आदेश का हवाला दिया गया था वह पत्रांक-ज्ञापांक गलत-फर्जी पाया गया था, जिसके बाद जांच टीम ने पूर्व महेश्वर महतो को दोषी बताया था.

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