जमशेदपुर: आइटीआइ के बाद इंस्ट्रक्टर ट्रेनिंग कोर्स कर चुके विद्यार्थी अब स्टाइपंड और रोजगार के लिए नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग का चक्कर लगा रहे हैं. राज्य सरकार की योजना के मुताबिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र के आइटीआइ पास युवकों को रोजगार दिलाने के उद्देश्य से इंस्ट्रक्टर ट्रेनिंग कोर्स कराया गया.
लेकिन रोजगार की बात तो दूर, उन्हें अभी तक स्टाइपंड की पूरी राशि भी नहीं मिली है. अब रोजगार और स्टाइपंड के लिए प्रशिक्षणार्थी संबंधित विभाग व मंत्रलय की भी परिक्रमा कर थक चुके हैं.
मजबूरन लेना पड़ा कर्ज
प्रशिक्षणार्थियों ने बताया कि नियोजन एवं प्रशिक्षण निदेशक के निर्देश पर यहां से आइटीआइ उत्तीर्ण व चयनित प्रशिक्षणार्थियों को इंस्ट्रक्टर ट्रेनिंग कोर्स के लिए पश्चिम बंगाल के हावड़ा स्थित एडवांस ट्रेनिंग इंस्टीटय़ूट में भेजा गया था. आने-जाने के लिए 1600 रुपये भत्ता के रूप में देने को कहा गया था. साथ ही एक वर्ष के प्रशिक्षण के दौरान प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी को स्टाइपंड के रूप में 3500 रुपये प्रतिमाह देने को कहा गया था, ताकि प्रशिक्षणार्थी वहां रह कर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें. प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपंड नहीं मिला. कुछ विद्यार्थियों को किस्त में कुछ राशि मिली है, लेकिन किसी भी प्रशिक्षणार्थी को पूरी राशि नहीं मिली है. जबकि हावड़ा में प्रशिक्षण के दौरान खर्च के लिए कई प्रशिक्षणार्थियों को कर्ज भी लेना पड़ा.