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टाटा जू में एक और बाघिन की हुई मौत

जमशेदपुर : टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क में आठ दिन के अंदर दूसरी बाघिन की मौत हो गयी. जू प्रबंधन के अनुसार साढ़े तीन साल की आहाना की मौत 25 मार्च की रात करीब साढ़े 12 बजे हो गयी. उसे बिसिओसिस नामक बीमारी थी. इसके पूर्व 18 मार्च को एक मादा बाघ शावक की मौत इसी […]

जमशेदपुर : टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क में आठ दिन के अंदर दूसरी बाघिन की मौत हो गयी. जू प्रबंधन के अनुसार साढ़े तीन साल की आहाना की मौत 25 मार्च की रात करीब साढ़े 12 बजे हो गयी. उसे बिसिओसिस नामक बीमारी थी. इसके पूर्व 18 मार्च को एक मादा बाघ शावक की मौत इसी बीमारी से हो गयी थी. जू प्रशासन ने बताया कि आहाना का सिम्प्टोमैटिक इलाज चल रहा था. उसे रोग निरोधक इंजेक्शन दिया जा रहा था. लेकिन वह थोड़ी सुस्त हो गयी थी. अन्य बाघों के साथ-साथ उसकी लगातार जांच और विशेष देखभाल की जा रही थी, लेकिन डॉक्टर के अनुसार उसकी स्थिति में सुधार नहीं हो पाया. आहाना की मौत के बाद

टीवीओ डॉ. देवाशीश देव, डिप्टी डायरेक्टर डॉ. एम पालित, कंसल्टेंट जू वेटरीनरी डॉ वीके सिंह व उनकी टीम ने वन विभाग के अधिकारी डीएफअो सबा आलम अंसारी, एफसीएफ सुशील उरांव, टाटा जू के डायरेक्टर विपुल चक्रवर्ती, क्यूरेटर एस के महतो की मौजूदगी में उसका पोस्टमार्टम किया.
खाने का भी रखा जा रहा ख्याल
जू के बाघों को इन दिनों खाने में चिकन, पोर्क और पीने के लिए इलेक्ट्रॉल पानी दिया जा रहा. साथ ही गर्मी को देखते हुए उनके बाड़े में कूलर की व्यवस्था की गयी है.
बाघों के ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे गये
फिलहाल टाटा जू में पांच बाघ हैं. उनमें तीन का स्वास्थ्य खराब है. हालांकि उनकी सेहत में सुधार हो रहा है. एक सफेद बाघ कैलास के अलावा बाघिन डोना, बाघिन आहाना और दो शावकों के ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे गये थे. जांच रिपोर्ट आने के बाद अौर भी बेहतर तरीके से बीमारी की रोकथाम के प्रयास किये जायेंगे.
क्या है बेबीसिओसिस बीमारी
बेबीसिओसिस पशुओं में होने वाला मलेरिया जैसा रोग है, जो बबेसिया नामक प्रोटोजोआ के संक्रमण के कारण होता है. मनुष्यों में यह रोग बहुत कम पाया जाता है. प्रोटोजोआ पशुओं के रक्त में प्रवेश कर रक्त की लाल रक्त कोशिकाओं में जाकर संख्या बढ़ाने लगते हैं, जिससे लाल रक्त कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं. इसमें पशु खून की कमी हो जाने से बहुत कमजोर हो जाता है. ज्यादातर मामलों में जानवरों की मौत हो जाती है.
बिसिओसिस बीमारी ने ली आठ दिन में दूसरी बाघिन की जान
तीन अन्य बाघों का भी स्वास्थ्य खराब
2014 में हुआ था जन्म
आहाना का जन्म टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क में ही बाघिन शांति अौर बाघ राघव के संपर्क में आने के बाद 28 अगस्त, 2014 को हुआ था. व्यस्क बाघिन आहाना, डोना की बहन थी.
मच्छर से फैली बीमारी : बाघिन की मौत के बाद टाटा जू प्रबंधन ने गहनता से जांच की थी, जिसमें पाया कि बाघों में संक्रमण की बीमारी है. इसे गंभीरता से लेते हुए बाड़े में विशेष सफाई करायी गयी. फ्लाई कैचर मशीन भी लगायी ताकि मच्छर भी बाघ के बाड़े में प्रवेश न कर सकें क्योंकि मच्छर से बीमारी एक जानवर से दूसरे जानवर में फैलने का खतरा रहता है. बाड़े के अंदर सूखे पत्तों को जलाया गया ताकि मच्छरों की संख्या न बढ़े.

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