जमशेदपुर: टाटा स्टील मैनेजमेंट की नजर कर्मचारियों के महंगाई भत्ता (डीए) के बढ़ते बोझ पर है. कंपनी हर हाल में वेज कॉस्ट कम करना चाहती है, जिसके लिए यूनियन पर दबाव बनाया जा रहा है. इसको लेकर किसी तरह की कोई वार्ता नहीं हो पा रही है.
यूनियन के टॉप थ्री की ओर से यह लगभग तय कर लिया गया है कि अगर समझौता मजदूर हित में नहीं हुआ तो वे समझौता नहीं भी कर सकते हैं. इसको टालने की कोशिशें तेज हो चुकी है. यूनियन इस पर दबाव में है.
कोल वेज को प्रबंधन ने बनाया आधार
टाटा स्टील प्रबंधन की ओर से कोल वेज को आधार बनाया गया है. कोल वेज बोर्ड से टाटा स्टील बाहर हुई तो सात साल का ही समझौता किया है. लिहाजा, वे लोग चाहते हैं कि कोल वेज की तरह का ही समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा है.
एलाउंस में भी कटौती करने का दबाव. टाटा स्टील मैनेजमेंट द्वारा एलाउंस में भी कटौती करने का दबाव यूनियन पर बनाया गया है. इधर, एलाउंस में कोई कटौती नहीं की जाये, इसको लेकर भी यूनियन कड़ी चुनौतियों से जूझ रहा है.