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स्वदेशी कंपनियों को आगे लायें : सरयू

जमशेदपुर : भारत विदेशी व्यापार का पूर्ण गुलाम न बने इसके लिए स्वदेशी कंपनियों को आगे लाने की जरूरत है. यह कार्य स्वदेशी जागरण मंच कर रहा है. बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में सीबीएमडी द्वारा आयोजित 14वें स्वदेशी मेला का शुभारंभ करने के बाद राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने उक्त बातें कहीं. […]

जमशेदपुर : भारत विदेशी व्यापार का पूर्ण गुलाम न बने इसके लिए स्वदेशी कंपनियों को आगे लाने की जरूरत है. यह कार्य स्वदेशी जागरण मंच कर रहा है.
बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में सीबीएमडी द्वारा आयोजित 14वें स्वदेशी मेला का शुभारंभ करने के बाद राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने उक्त बातें कहीं. श्री राय ने बताया कि पहले व्यक्ति की जरूरत के हिसाब से व्यापार होता था, आज व्यापार और प्रचार माध्यमों से हमें जरूरतें बतायी जाती हैं. विज्ञान और तकनीक नयी-नयी प्रकार की जरूरतों से अवगत करा रहा है. डब्ल्यूटीओ विकाशसील देशों को प्रभावित कर रहा है. स्वदेशी जागरण मंच इस तरह के खतरे से आगाह कर देश के अंदर जनजागरण कर स्वदेशी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का कार्य कर रहा है.
श्री राय ने कहा कि स्वदेशी मेला लघु एवं कुटीर उद्योग वालों के लिए एक विकल्प है. इससे पूर्व मुख्य वक्ता दीपक शर्मा प्रदीप, बेली बोधनवाला, बीके दास आदि ने संयुक्त रूप से भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर स्वदेशी मेला का उद्घाटन किया.
टाटा स्टील के पूर्व वीपी बीके दास ने अपने संबाेधन में कहा कि यह शहर का सर्वाधिक लोकप्रिय मेला है. बेली बोधनवाला ने कहा कि हम स्वदेशी अपनाकर देश को बेरोजगारी से उबारने का कार्य कर सकते हैं.
कार्यक्रम में बंदेशंकर सिंह और पुतकर हेंम्ब्रम ने भी अपने विचार रखे. अध्यक्षता मुरलीधर केडिया ने की. इस मौके पर मनोज कुमार सिंह, मेला संयोजक अशोक गोयल, अमित मिश्रा, मंजू ठाकुर, जिला परिषद उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह, जेकेएम राजू, राजकुमार साह, मुकुल मिश्रा, कैप्टन दीप श्रीवास्तव, प्रेम, जवाहरलाल शर्मा, सुमन अग्रवाल, आशुतोष राय, बास्को बेसरा, सुबोध श्रीवास्तव, बिनोद सिंह, सीपी सिंह, ललन सिंह, गौरव शंकर, राकेश पांडेय, पंकज सिंह, जयंत श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे.
93 % रोजगार दिलाने में स्वदेशी मेलों की अहम भूमिका : दीपक शर्मा
मुख्य वक्ता दीपक शर्मा प्रदीप ने कहा कि सरकार के सभी उपक्रम व निजी सेक्टर मिलकर भी देश की कुल आबादी के 7 प्रतिशत लोगों को ही रोजगार उपलब्ध करा पाते हैं. शेष 93 प्रतिशत रोजगार उपलब्ध कराने में स्वदेशी मेले अहम भूमिका निभा रहे हैं. एसोचैम की रिपोर्ट के मुताबिक देश के 51 मेलों में करोड़ों का व्यवसाय होता है.
गणेश पूजा उत्सव व मेले में 20 हजार करोड़, दुर्गा पूजा मेला में 40 हजार करोड़, रक्षा बंधन में 5 हजार करोड़, दीपावली पर 15 हजार करोड़, होली पर 25 हजार करोड़ का व्यापार मेले में होता है. विदेशी कंपनियों के मंसूबों को देखकर ही स्वदेशी जागरण मंच ने मेले का आयोजन प्रारंभ किया.

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