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हवा में मच्छर मार रहा विभाग

अतिरिक्त प्रभार में मलेरिया पदाधिकारी और चाईबासा से चार कर्मचारी हैं यहां प्रतिनियुक्त 1997 में बना था सिविल सर्जन ऑफिस, स्थापना नहीं होने के कारण संसाधन भी नहीं मिलता है चंद्रशेख्र जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के अधिकांश प्रखंड मलेरिया प्रभावित है. मलेरिया उन्मूलन और मच्छर जनित बीमारियों को रोकने के लिए हर साल सरकार […]

अतिरिक्त प्रभार में मलेरिया पदाधिकारी और चाईबासा से चार कर्मचारी हैं यहां प्रतिनियुक्त
1997 में बना था सिविल सर्जन ऑफिस, स्थापना नहीं होने के कारण संसाधन भी नहीं मिलता है
चंद्रशेख्र
जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के अधिकांश प्रखंड मलेरिया प्रभावित है. मलेरिया उन्मूलन और मच्छर जनित बीमारियों को रोकने के लिए हर साल सरकार यहां करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, बावजूद मलेरिया पर प्रभावी रोक नहीं लग पा रही. इसे लेकर जितना दोषी स्थानीय प्रशासन है उतनी ही दोषी सरकार भी.
मलेरिया उन्मूलन को लेकर अब तक सरकार के स्तर पर गंभीर पहल नहीं की गयी है. दिलचस्प है कि पूर्वी सिंहभूूम जिला में मलेरिया विभाग की स्थापना तक नहीं है. इसका कार्यालय चाईबासा में स्थापित है और वहां से प्रतिनियुक्त कर्मचारी ही यहां भी दायित्व संभालते हैं. यहां तक की मलेरिया पदाधिकारी भी अतिरिक्त प्रभार में हैं. यह हाल तब है जब केंद्र सरकार ने 2030 तक जिला को मलेरिया मुक्त करने की घोषणा कर रखी है.
काम जमशेदपुर में वेतन चाईबासा से. जिला में चल रहे मलेरिया विभाग में चाईबासा से चार कर्मचारी प्रतिनियुक्त हैं. सभी काम यहां करते है लेकिन वेतन उन्हें चाईबासा जाकर लेना पड़ता है.
कर्मचारियों के अनुसार उन्हें छोटे-बड़े सभी कार्य के लिए चाईबासा जाना पड़ता है. अगर चाईबासा में कोई काम होता है तब भी उन्हें बुला लिया जाता है. इससे पूर्वी सिंहभूम में कार्य प्रभावित होता है. विभाग में सभी कर्मचारी अनुबंध पर है. कर्मचारी की संख्या भी कम है. जिला में 244 सब सेंटर में एक-एक एमपीडब्ल्यू होना चाहिए लेकिन सिर्फ 59 सब सेंटर में एमपीडब्ल्यू काम कर रहें हैं.
1997 में बना था सिविल सर्जन ऑफिस. मलेरिया विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि 1997 में पूर्वी सिंहभूम में नया सिविल सर्जन ऑफिस बना था उसके बाद सभी विभाग जैसे फाइलेरिया, कुष्ठ सहित अन्य विभागों की स्थापना की गयी वहीं मलेरिया विभाग की अब तक स्थापना नहीं हो सकी है. इस कारण यहां फुलटाइम कर्मचारी भी नहीं मिले है. स्थापना नहीं होने से विभाग के पास संसाधन भी नहीं है. सही तरीके से एंटी लार्वा का छिड़काव नहीं हो पता है.
मलेरिया विभाग का क्या है काम. जिला मलेरिया विभाग का मुख्य कार्य मच्छर जनित बीमारियों जैसे मलेरिया, फाइलेरिया, चिकुनगुनिया, जापानी बुखार, डेंगू आदि पर रोक लगाने के प्रभावी उपाय करना है. इसके साथ ही एंटी लार्वा का छिड़काव, फॉगिंग, मच्छरदानी का वितरण आदि करना विभाग का मुख्य कार्य है.
जिला में मलेरिया विभाग के लिए पोस्ट स्वीकृत नहीं है. इस कारण विभाग की स्थापना नहीं हो पा रही है. पूरे झारखंड के 11 जिलों में ऐसी ही स्थिति है. इसके लिए केंद्र सरकार को लिखा गया है. वहां से अनुमति मिलने के बाद ही कुछ संभव है.
डॉ महेश्वर प्रसाद, सिविल सर्जन

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