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राजेंद्र के घर परचा फेंककर डॉक्टर ने मांगी 20 लाख रुपये रंगदारी

जमशेदपुर : डॉक्टर को लोग भगवान का रूप मानते हैं लेकिन एक ऐसी खबर झारखंड के जमशेदपुर से आ रही है जिसने इस पेशे को शर्मसार कर दिया है. ‘जी हां ‘ बर्मामाइंस अलाई रोड में रहने वाले टाटा स्टील के सुरक्षागार्ड राजेंद्र प्रसाद के घर पर परचा फेंककर 20 लाख रुपये रंगदारी मांगने के […]

जमशेदपुर : डॉक्टर को लोग भगवान का रूप मानते हैं लेकिन एक ऐसी खबर झारखंड के जमशेदपुर से आ रही है जिसने इस पेशे को शर्मसार कर दिया है. ‘जी हां ‘ बर्मामाइंस अलाई रोड में रहने वाले टाटा स्टील के सुरक्षागार्ड राजेंद्र प्रसाद के घर पर परचा फेंककर 20 लाख रुपये रंगदारी मांगने के आरोप में पुलिस ने होमियोपैथिक डॉ आनंद को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. डॉ आनंद परसुडीह के रहने वाले हैं और उनकी क्लीनिक भी परसुडीह में है.

डॉ आनंद सुरक्षागार्ड राजेंद्र प्रसाद के बच्चों के चिकित्सक भी हैं. डॉ आनंद की गिरफ्तारी के बाद बर्मामाइंस पुलिस ने राजेंद्र प्रसाद को थाना बुलवाया और पहचान करायी. राजेंद्र प्रसाद ने पुलिस को बताया कि वह पहले से डॉ आनंद को जानते हैं. पुलिस डॉ आनंद से इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आखिर उन्होंने राजेंद्र प्रसाद से किसके कहने पर और क्यों बीस लाख रुपये रंगदारी मांगी.

पुलिस के मुताबिक डॉ आनंद ने परचा फेंककर रंगदारी मांगने की बात स्वीकार किया है. पुलिस ने डॉ आनंद से परचा की हैंडराइटिंग का मिलान भी कराया. इस मामले में बर्मामाइंस थाना में राजेंद्र प्रसाद के बयान पर धमकी पत्र के नीचे में लिखे गये नाम के आधार पर मुन्ना साह, मो मोबीन समेत अन्य आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था. राजेंद्र के ससुराल के लोगों से परिचित हैं डॉ आनंद. पुलिस सूत्रों के मुताबिक राजेंद्र प्रसाद का ससुराल बारीडीह में है. गिरफ्तार डॉ आनंद राजेंद्र प्रसाद के ससुराल पक्ष से पूर्व से परिचित थे. शादी के बाद से घर पर आने-जाने के क्रम में डॉ आनंद से पहचान हुई. फिर बच्चों का इलाज भी उनके द्वारा कराने के बाद घनिष्ठ संबंध हो गये.

राजेंद्र के घर पर दो बार फेंका गया पत्र
राजेंद्र प्रसाद ने पुलिस को बताया है कि उनकी किसी से दुश्मनी नहीं है. अपराधियों ने पहला धमकी भरा और रंगदारी लिखा पत्र 6 अक्टूबर को घर के दरवाजा के सामने करीब रात आठ बजे फेंका. राजेंद्र की पत्नी कुछ सामान लेने बाहर निकली तो पत्र देखी और जानकारी पति को दी. पत्र में गाली-गलौज व रंगदारी देने की बात लिखी गयी थी. पत्र देखने के बाद राजेंद्र प्रसाद ने शरारती तत्वों को काम होने की अंदेशा लगाते हुए अनदेखी कर दी. दूसरी बार पत्र एक नवंबर को राजेंद्र प्रसाद के क्वार्टर के पीछे फेंका गया. उसमें भी गाली गलौज और रंगदारी की बात लिखी गयी थी. इसके बाद राजेंद्र प्रसाद ने घटना की जानकारी पुलिस को दी.

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