समीक्षा के दौरान पाया गया कि कॉलेज प्रशासन की ओर से प्रिंटर उपयोग करने का कोई सबूत जमा नहीं किया गया है. इस कारण कॉलेज की प्राचार्य डॉ. पूर्णिमा कुमार से स्पष्टीकरण मांगा गया है. प्रमाण के साथ रिपोर्ट भेजने को कहा गया है.
वहीं दूसरे मामले में को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज के अध्यक्ष पद पर एकमात्र एनएसयूआई समर्थित उम्मीदवार शंभू मित्तल पर कॉलेज की कोर कमेटी की बैठक द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया गया. कोर कमेटी ने शंभू मित्तल पर आपराधिक मामला दर्ज होने के बाद चार्जशीट को सही पाया. चार्जशीट संबंधी रिपोर्ट भी विश्वविद्यालय को भेजी गई. इस आधार पर कॉलेज प्रशासन ने लॉ कॉलेज के अध्यक्ष का नामांकन रद्द कर दिया. बैठक में लिये गये निर्णय की जानकारी विवि के प्रॉक्टर डॉ. एके झा ने दी. ग्रेजुएट कॉलेज में फिर मतगणना की मांग के संंबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में कोई शिकायत विश्वविद्यालय को नहीं पहुंची है. इसके अलावा मॉडल कॉलेज खरसावां द्वार विश्वविद्यालय प्रतिनिधि पर हुए नामांकन को रद्द करने के निर्णय को सही पाया गया.