लेकिन भूल कभी छोटी नहीं होती है, इसका परिणाम हमेशा भयावह होता है. इससे बचने का एकमात्र उपाय सतर्कता है. उन्होंने कहा कि भारतीय रेल देश का सबसे बड़ा संगठन है. लेकिन यह संगठन इंजीनियरिंग कर्मचारियों के बगैर चल नहीं सकता. उन्होंने कहा कि हर दिन ट्रेकमैन अपने दायित्व को बेहतर निभायेंगे, तो कभी रेलवे ट्रेक पर इमरजेंसी जैसी स्थिति नहीं आयेगी. वरीय मंडल अभियंता (मुख्यालय) केसी गुप्ता ने कहा कि ट्रेकमैन रेलवे की जड़ है, इससे रेलवे का सिस्टम व कार्य प्रणाली शुरू होता है.
ट्रेकमैन के बदौलत व भरोसे ट्रेक पर रेल गाड़ियां दौड़ रही है. उन्होंने कहा कि ट्रेक की सुरक्षा व संरक्षा हर ट्रेकमैन की जिम्मेदारी है. सहायक अभियंता एसके सिंह, वरीय अनुभाग अभियंता (रेलपथ) डीके झांगड़े ने कहा कि ट्रेकमैन रेल चक्का की धूरी है. इसके बगैर रेल गाड़ियां नहीं चल सकती. मौके पर सीनियर सेक्शन इंजीनियर अरुण कुमार, सुरेंद्र सिंह समेत सैकड़ों ट्रेकमैन मौजूद थे.