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कंप्यूटर, टेलीफोन, टेबल, कुर्सियां आदि तोड़े, मारपीट में सीनियर मैनेजर घायल, पुलिस के सामने मेडिका में परिजन मचाते रहे हंगामा

जमशेदपुर: बिष्टुपुर स्थित मेडिका अस्पताल में मंगलवार को एक मरीज की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया, तोड़फोड़ मचायी और अस्पताल के डॉक्टरों व मैनेजमेंट के लोगों के साथ मारपीट की. वे पुलिस के सामने भी तोड़फोड़ मचाते रहे, इसके बाद अस्पताल परिसर में धरने पर बैठ गये. बाद में पुलिस […]

जमशेदपुर: बिष्टुपुर स्थित मेडिका अस्पताल में मंगलवार को एक मरीज की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया, तोड़फोड़ मचायी और अस्पताल के डॉक्टरों व मैनेजमेंट के लोगों के साथ मारपीट की. वे पुलिस के सामने भी तोड़फोड़ मचाते रहे, इसके बाद अस्पताल परिसर में धरने पर बैठ गये. बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ.
तोड़फोड़ में अस्पताल के आइसीयू के बगल की कांच, इंट्री गेट का कांच, टेबल, कुर्सियां, काउंटर सहित कई कंप्यूटर व टेलीफोन टूट गये. मारपीट में अस्पताल के सीनियर मैनेजर रंजीत कुमार को काफी चोट आयी. इतना कुछ होने के बाद मृतक के परिजन संबंधित डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने, मृतक का पोस्टमार्टम डॉक्टरों की टीम द्वारा कराने व उचित मुआवजे की मांग को लेकर अस्पताल परिसर में ही धरने पर बैठ गये. जानकारी मिलने पर बिष्टुपुर थाने से बड़ी संख्या में पुलिस बल को बुलाया गया, तब जाकर मामला शांत हुआ.
क्या था पूरा मामला
बागबेड़ा गणेश नगर निवासी रमाशंकर शर्मा का इकलौता बेटा कृष्णा शर्मा एनआइएस सुरक्षा एजेंसी में प्राइवेट सुरक्षाकर्मी के रूप में काम करता था. चार अगस्त को वह मां के साथ आदित्यपुर से बाइक से बागबेड़ा आ रहा था. उसी दौरान खरकई पुल के पास डिवाइडर से बाइक टकरा गयी. हादसे में कृष्णा व उसकी मां दोनों घायल हो गये. दोनों को मेडिका अस्पताल ले जाया गया. वहां कृष्णा की स्थिति ज्यादा खराब होने के कारण डॉक्टरों ने उसको भर्ती कर लिया और मां को इलाज के बाद छोड़ दिया था.
चार अगस्त को गंभीर स्थिति में मरीज अस्पताल में भर्ती हुआ था. रात में डॉ एसबी सिंह ने उसके न्यूरो का ऑपरेशन किया. स्थिति ज्यादा खराब होने के कारण मंगलवार की शाम उसकी मौत हो गयी. इसकी जानकारी जब उसके परिजनों को दी गयी तो वे 50 से 60 की संख्या में अस्पताल पहुंचे और कर्मचारियों, डॉक्टरों व पदाधिकारियों के साथ मारपीट की और अस्पताल में तोड़फोड़ मचायी. मुझे काफी चोट आयी है.
रंजीत कुमार, सीनियर मैनेजर, मेडिका अस्पताल, बिष्टुपुर
इलाज के दौरान किसी भी मरीज के मरने पर अस्पताल में तोड़फोड़ करना, कर्मचारियों व डॉक्टरों के साथ मारपीट करना गलत है. इस घटना को लेकर जल्द ही आइएमए का एक प्रतिनिधिमंडल डीसी व एसपी से मिलकर कार्रवाई की मांग करेगा.
डॉ मृत्युंजय सिंह, सचिव, आइएमए, जमशेदपुर
पिता का आरोप, मौत को छुपाते रहे डॉक्टर
रमाशंकर ने मुताबिक चार अगस्त की शाम अस्पताल से फोन पर बताया गया कि कृष्णा का ऑपरेशन करना होगा जिसके लिए 90 हजार रुपये लगेंगे. अस्पताल में 50 हजार रुपये जमा करने के बाद रात दस बजे ब्लड मंगाया गया. रात लगभग दो बजे डॉक्टर ने उसका ऑपरेशन किया. डॉक्टर ने दूसरे दिन होश आने की बात कही लेकिन उसका होश नहीं आया. डॉक्टरों से पूछने पर पहले बताया गया कि तीन दिन में ठीक हो जायेगा. उसके बाद बताया गया कि सात दिनों में ठीक होगा. पैसे के लिए इएसआइ में इलाज संबंधित कागजात जमा करने के लिए अस्पताल से कागजात की मांग की गयी तो डॉक्टरों ने बताया कि उसकी मौत हो गयी है.

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