सीकेपी रेलमंडल भी एनआइ घोटाले की जद में
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राउरकेला : नियमों की उपेक्षा एनआइ में मिला था फर्जीवाड़ा
सीकेपी रेलमंडल भी एनआइ घोटाले की जद में जमशेदपुर : रेलवे बुकिंग काउंटर पर जारी होने पर जनरल टिकट को एनआइ (नन इश्यू) बनाकर करोड़ों की हेराफेरी की जद में चक्रधरपुर रेलमंडल भी है. हटिया से पहले चक्रधरपुर मंडल के राउरकेला स्टेशन पर एनआइ में गड़बड़ी पकड़ी जा चुकी है. वर्ष 2011 में इंक्वायरी के […]
जमशेदपुर : रेलवे बुकिंग काउंटर पर जारी होने पर जनरल टिकट को एनआइ (नन इश्यू) बनाकर करोड़ों की हेराफेरी की जद में चक्रधरपुर रेलमंडल भी है. हटिया से पहले चक्रधरपुर मंडल के राउरकेला स्टेशन पर एनआइ में गड़बड़ी पकड़ी जा चुकी है. वर्ष 2011 में इंक्वायरी के बाद महिलाकर्मी पर पेनाल्टी की कार्रवाई भी की गयी थी. बावजूद टिकट की एनआइ के नियमों के अनुपालन सुनिश्चित कराने पर मंडल अथवा जोन के पदाधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया. नतीजा हटिया बुकिंग में बड़े गोलमाल के रूप में सामने आया.
दिलचस्प है कि जनरल टिकट की एनआइ कर करोड़ों की हेराफेरी को रेलवे बोर्ड की विजिलेंस टीम ने पकड़ा, जिसकी भनक तक जोनल रेलवे विजिलेंस व अकाउंट विभाग को नहीं लग सकी. रेलवे बोर्ड के दिशानिर्देश के बाद अब सभी स्टेशनों पर टिकट की एनआइ और स्पेशल रिफंड पर नजर रखी जा रही है.
टाटा व राउरकेला स्टेशनों पर एनआइ की जांच : एनआइ फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद चक्रधरपुर रेल मंडल में सीनियर डीसीएम भास्कर ने टीम गठित कर दी है. टीम में शामिल डीसीएम, एसीएम के अलावा जोनल पदाधिकारी भी विभिन्न स्टेशनों पर पिछले तीन माह में एनआइ किये गये टिकटों की जांच कर रहे है. इस क्रम में शुक्रवार को टाटानगर में कोलकाता से आये पदाधिकारी ने जांच की जबकि राउरकेला में डीसीएम प्रशांता कुमार व सीआइ मंसूर की टीम ने जांच की. हालांकि प्रारंभिक जांच में कोई गड़बड़ी नहीं मिलने की बात अधिकारी बता रहे हैं.
ये अधिकारी करेंगे जांच : सीनियर डीसीएम, दो डीसीएम, एक एसीएम की टीम किसी भी स्टेशन अपने स्थानीय सीआइ का सहयोग लेकर छह से एक साल के बीच जारी टिकटों कीजांच कर रही है. हालांकि टिकट जारी किये जाने की संख्या को लेकर जांच को काफी कठिन माना जा रहा है. रेलवे के पास प्रारंभिक छह माह का ही रिकार्ड रखने का प्रावधान है, उससे अधिक समय की रिपोर्ट विशेष अनुमति से निकालनी होगी.
बोर्ड ने माना सिस्टम फेल : रेलवे बोर्ड के निदेशक पैसेंजर मार्केटिंग विक्रम सिंह ने सभी जोन के महाप्रबंधकों को भेजे अपने पत्र में स्पष्ट कर दिया कि वाणिज्य विभाग में टिकटों की जांच का पूरा सिस्टम फेल है. किसी भी स्तर पर नियमों का पालन नहीं किया गया जिसका परिणाम जनरल टिकट की एनआइ कर बड़े घोटाले के रूप में कर्मचारियों ने कर लिया. अगर सिस्टम से रिपोर्टिंग की प्रक्रिया का पालन किया गया होता तो यह मामला सामने नहीं आता.
इंक्वायरी के बाद महिला रेलकर्मी पर हुई थी कार्रवाई
जोनल विजिलेंस व अकाउंट विभाग पूरी तरह फेल
एनआइ और स्पेशल कैंसिलेशन पर रखी जा रही है नजर
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