11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

टाटा स्टील: एग्रिको की राह पर ट्यूब डिवीजन, इपीए से काम कराने की तैयारी, वीआरएस-इएसएस लेने का दबाव

जमशेदपुर: टाटा स्टील के ट्यूब डिवीजन लगभग बंदी के कगार पर है. बेहतर बिजनेस करने के बावजूद मैनेजमेंट वहां इपीए के जरिये काम कराना चाहती है. इपीए का मतलब होता है एक्सटर्नल प्रोसेसिंग एजेंसी. इसी तरह ही टाटा स्टील का एग्रिको डिवीजन संचालित हो रहा है. एग्रिको का जिस तरह माल कहीं और बनता है […]

जमशेदपुर: टाटा स्टील के ट्यूब डिवीजन लगभग बंदी के कगार पर है. बेहतर बिजनेस करने के बावजूद मैनेजमेंट वहां इपीए के जरिये काम कराना चाहती है. इपीए का मतलब होता है एक्सटर्नल प्रोसेसिंग एजेंसी. इसी तरह ही टाटा स्टील का एग्रिको डिवीजन संचालित हो रहा है. एग्रिको का जिस तरह माल कहीं और बनता है और वहां टाटा का लोगो लगा दिया जाता है, उसी तरह का काम टाटा स्टील ट्यूब डिवीजन में कराया जा रहा है. वर्तमान में मैनेजमेंट 60 फीसदी काम इपीए से कराने लगी है, जिसके लिए कंपनियों के साथ ट्यूब डिवीजन ने टाइअप कर लिया है.

ट्यूब डिवीजन में 40 फीसदी ही काम होता है. कंपनी सिर्फ वहां क्वालिटी चेक व सप्लाइ व एकाउंटिबिलिटी के लिए ऑफिसरों को रखना चाहती है, जबकि कर्मचारियों पर होने वाले खर्च को कम करने करना चाहती है.

यही वजह है कि वहां से सुरक्षाकर्मियों को भेज दिया गया है. इससे पहले भी कैंटीन के कर्मचारियों को भी टाटा स्टील में शिफ्ट कर दिया गया. अब ट्यूब की हेड एचआरएम श्रुति चौधरी ने वहां के कमेटी मेंबरों को बुलाकर साफ तौर पर कह दिया है कि वे लोग कर्मचारियों को यह मोटिवेट करें कि कर्मचारी स्वत: वीआरएस या इएसएस ले लें, क्योंकि इतना ज्यादा खर्च कंपनी नहीं वहन करना चाहती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें