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विद्युत आपूर्ति का लोड नहीं ले सकता वर्तमान इन्फ्रास्ट्रक्चर : जीएम

जमशेदपुर : मुख्यमंत्री के गृह जिले पूर्वी सिंहभूम समेत पूरे कोल्हान में विद्युत आपूर्ति के विभागीय दावों और जमीनी हकीकत में बड़ा अंतर है. खासकर शहर के गैर कंपनी इलाके हों या सुदूर ग्रामीण क्षेत्र, कहीं भी अबाध विद्युत आपूर्ति शुरू नहीं हो पायी है. सबसे बुरा हाल गरमी और बारिश के दिनों में होता […]

जमशेदपुर : मुख्यमंत्री के गृह जिले पूर्वी सिंहभूम समेत पूरे कोल्हान में विद्युत आपूर्ति के विभागीय दावों और जमीनी हकीकत में बड़ा अंतर है. खासकर शहर के गैर कंपनी इलाके हों या सुदूर ग्रामीण क्षेत्र, कहीं भी अबाध विद्युत आपूर्ति शुरू नहीं हो पायी है. सबसे बुरा हाल गरमी और बारिश के दिनों में होता है. आंधी आने से पहले ही बिजली की आपूर्ति बंद हो जाती है.

इतना नहीं, पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां ठनका भी सबसे अधिक गिरता है, जिससे पलक झपकते ही ट्रांसफॉर्मर, बिजली के तार तथा अन्य उपकरण प्रभावित हो जाते हैं और फिर जलापूर्ति समेत आम लोगों के तमाम दैनिक काम बाधित हो जाते हैं. वहीं दूसरी ओर बिजली विभाग मैनपावर और संसाधनों की कमी समेत कई कारणों का हवाला देकर अपनी लाचारी बता पल्ला झाड़ लेता है. कुल मिलाकर अनियमित बिजली आपूर्ति के कारण आम आदमी लगातार परेशान होता है

. बुधवार को प्रभात खबर की टीम ने जमशेदपुर एरिया विद्युत बोर्ड के जीएम केके वर्मा से विद्युत आपूर्ति एवं उसमें पेश आ रही दिक्कतों को लेकर विशेष बातचीत की. प्रस्तुत है उसका संपादित अंश.

सवाल : गरमी और बरसात के इस मौसम में बिजली आपूर्ति बंद होने की शिकायतें बढ़ गयी हैं.
जवाब : देखिये, बिजली की आपूर्ति एक सिस्टम से होती है, जहां तक गरमी या बारिश के मौसम की बात है, तो इसके लिए हर साल जरूरी काम तो किये जाते हैं, लेकिन पूरा सिस्टम एक बार में तो बदला नहीं जा सकता, इसलिए फेजवाइज जर्जर व पुराने तारों, उपकरणों को बदला जाता है. इस कारण कई हिस्से में तार, ट्रांसफॉर्मर, उपकरण आदि बदलने के बावजूद स्थित सामान्य नहीं हो पाती है.
सवाल : फुल लोड बिजली मिलने पर भी नियमित आपूर्ति क्यों नहीं हो पा रही है. आखिर कहां दिक्कत है?
जवाब : पावर ग्रिड और पावर सब स्टेशन से फुल लोड बिजली मिलने के बाद भी इलाकों में डिमांड के विरुद्ध नियमित विद्युत आपूर्ति होने पर आधारभूत संरचना इसका बोझ वहन नहीं कर पायेगी, इसिलिए गरमियों में, जब बिजली की खपत बढ़ जाती है, लोड शेडिंग (रुक-रुक कर) कर एक के बाद एक इलाके आपूर्ति की जाती है.
सवाल : कोल्हान को कितनी बिजली की जरूरत है और उसकी आपूर्ति कहां से हो रही है?
जवाब : कोल्हान को तेनुघाट और पतरातू पावर यूनिट से बिजली मिलती है. कोल्हान को दैनिक 350 मेगावाट बिजली की जरूरत है. गरमी के दिनों में इसकी खपत 25-30 फीसदी बढ़ जाती है, ऐसी स्थिति में न चाहते हुए भी रुक-रुक कर विद्युत आपूर्ति करनी पड़ती है.
सवाल : गैर कंपनी इलाकों समेत कोल्हान में बिजली की आपूर्ति कब सुधरेगी? दावे तो काफी समय से किये जा रहे हैं?
जवाब : कोल्हान में अबाध विद्युत आपूर्ति के लिए लगातार काम चल रहा है. नयी आधारभूत संरचना का निर्माण किया जा रहा है, अभी और कई काम होने हैं. इसमें थोड़ा वक्त लगेगा, उसके बाद निश्चित रूप से निर्बाध बिजली आपूर्ति होगी.
सवाल : उपभोक्ताओं की समस्याएं सुनने एवं उनके समाधान की आपके यहां कोई सेंट्रल सिस्टम है?
जवाब : बिजली विभाग शीघ्र ही कॉल सेंटर की सुविधा शुरू कर रहा है, इसमें आम उपभोक्ता अपनी समस्याएं दर्ज करा सकेंगे. कॉल सेंटर में बिजली समस्या दर्ज होने तथा उसके समाधान के बाद उपभोक्ता को फीडबैक भी दिया जायेगा. फिलहाल बिजली बोर्ड के स्तर पर 24 घंटे शिकायत दर्ज करने के लिए टोल फ्री नंबर 18003456570 उपलब्ध है. इसके अलावा चाईबासा विद्युत प्रमंडल के
लिए 9431135918 नंबर उपलब्ध है.

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