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झारखंड पहुंचने लगे विदेशी मेहमान, छड़वा व गोंदा डैम में विदेशी पक्षियों का आगमन शुरू

Migrant Birds in Jharkhand: जलीय पौधे, जलीय कीट व मछलियां ही इनका आहार हैं. कटकमसांडी के छड़वा और गोंदा डैम में बार हेडेड गुज, नॉर्दर्न पिनटेल, कॉमन पोचार्ड, टफटेड डक, रूडी शेल्डेक, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड और ग्रेट क्रेस्टेड ग्रीब का समूह पहुंचा है.

Migrant Birds in Jharkhand: झारखंड के हजारीबाग जिला के छड़वा डैम और गोंदा डैम में विदेशी पक्षियों का आना शुरू हो गया है. हर वर्ष सर्दी के मौसम में ये पक्षी झारखंड आते हैं. साइबेरिया से करीब 11 हजार किलोमीटर की दूरी तय करके ये प्रवासी पक्षी झारखंड आते हैं. सूर्योदय के बाद से शाम लगभग पांच बजे तक जलाशय में रहते हैं.

इन प्रजातियों के पक्षी आये हैं हजारीबाग

इन पक्षियों का आगमन अक्टूबर और नवंबर के महीने में होता है. मार्च और अप्रैल के बीच में ये विदेशी मेहमान फिर अपने घर को लौट जाते हैं. जलीय पौधे, जलीय कीट व मछलियां ही इनका आहार हैं. कटकमसांडी के छड़वा और गोंदा डैम में बार हेडेड गुज, नॉर्दर्न पिनटेल, कॉमन पोचार्ड, टफटेड डक, रूडी शेल्डेक, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड और ग्रेट क्रेस्टेड ग्रीब का समूह पहुंचा है.

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अक्टूबर के महीने से आने लगते हैं विदेशी मेहमान

जाड़े की शुरुआत में अक्टूबर से नवंबर महीने के बीच एशिया और मंगोलिया से पक्षी हजारीबाग (झारखंड) आते हैं. दिन भर पानी में और शाम होने के बाद पास के जंगल में रात्रि विश्राम करने चले जाते हैं. वनरक्षियों ने बताया कि ये पक्षी यूरोप के देशों से आते हैं. इनका मूल निवास यूरोप और उत्तरी अमेरिका है. इन प्रजातियों के पक्षी अपने मूल स्थान से साइबेरिया और टुंड्रा भी प्रवास पर जाते हैं.

70 प्रजाति के पक्षी आते हैं झारखंड

वनरक्षियों ने यह भी बताया कि इन पक्षियों को सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक पानी में विचरण करते देखा जा सकता है. जलाशयों में लगभग 70 प्रजाति के वाटर बर्ड और वाटर डिपेंडेंट बर्ड पहुंचते हैं. अभी कुछ पक्षियों का आना बाकी है. मंगोलिया से हजारीबाग पहुंचने वाले बर्ड की पुष्टि उसमें लगे टैग से पिछले वर्ष भी हुई थी.

बर्ड सेंसस करवाता है वन विभाग

उन्होंने बताया कि ज्यादा ठंड और बर्फ जम जाने की वजह से वहां उनके लिए भोजन की कमी हो जाती है. यही वजह है कि यूरोप और मध्य एशिया से पक्षी दक्षिण एशिया के देशों में प्रवास पर आ जाते हैं. जलीय प्रवासी पक्षियों को देखने छड़वा और गोंदा डैम हर साल बर्ड वाचर पहुंचते हैं. वन विभाग इन प्रजातियों के बारे में जानकारी जुटाने केलिए बर्ड सेंसस कराता है.

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विदेशी मेहमानों को नुकसान पहुंचाना दंडनीय अपराध

इन विदेशी मेहमानों को किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाना या इनका शिकार करना दंडनीय अपराध है. इनका शिकार करने वालों की सूचना संबंधित वन प्रमंडल पदाधिकारी को दी जा सकती है. वनरक्षी ने बताया कि ये पक्षी जब उड़ान भरते हैं, तो इनके की आकृति अंग्रेजी के वी (V) लेटर की तरह होती है. उड़ते समय आवाज भी करते हैं. पानी में उतरते समय फाइटर प्लेन की तरह लैंड करते हैं.

दिसंबर में होती है विदेशी पक्षियों की गिनती

डीएफओ आरएन मिश्रा ने बताया कि कि विदेशी पक्षियों की सुरक्षा और उनके संरक्षण के लिए वन विभाग बराबर गश्ती करवाती है. दिसंबर महीने में इनकी गिनती करवायी जाती है. पक्षियों को मरने वालों पर वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाता है.

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