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महंगाई को रोकने के लिए ब्याज दर कम होना जरूरी
हजारीबाग : विभावि में चांसलर लेक्चर सिरीज के तहत शुक्रवार को विवेकानंद सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता कुलपति प्रो गुरदीप सिंह ने की. कार्यक्रम का आयोजन पीजी अर्थशास्त्र विभाग ने किया. लेक्चर का विषय भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के तुलानात्मक मॉडल था. इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि […]
हजारीबाग : विभावि में चांसलर लेक्चर सिरीज के तहत शुक्रवार को विवेकानंद सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता कुलपति प्रो गुरदीप सिंह ने की. कार्यक्रम का आयोजन पीजी अर्थशास्त्र विभाग ने किया. लेक्चर का विषय भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के तुलानात्मक मॉडल था. इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि देश को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने और देशवासियों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए सभी सकारात्मक प्रयास किया गया है.
देश का विकास दर स्थिर रहने से विकास पर असर पड़ा है. आर्थिक सुरक्षा एवं जीवन स्तर ऊपर उठाने के लिए जो भी प्रयास हुआ, उस पर विकास दर की अस्थिरता के कारण उपेक्षित परिणाम नहीं मिला. 1952 से 2016 तक विकास दर आठ प्रतिशत रहा. लेकिन यह हमेशा अस्थिर रहा है, जिससे विकास प्रभावित हुआ है. 1997-98 एवं 2003 से 2004 तक विकास दर स्थिर था. अर्थशास्त्रियों से शिकायत करते हुए कहा कि अर्थशास्त्रियों के द्वारा वर्ष 2003 से 2008 में विकास दर के स्थिर रहने पर अध्ययन नहीं किया. हमें अपने देश के आर्थिक विकास को स्वयं सेवी भाव से करना चाहिए. दुनिया में आर्थिक हलचल का प्रभाव देश पर भी पड़ता है.
इस घटना के भय से अपने देश में विकास से संबंधित किये जा रहे प्रयासों को नहीं बदलना चाहिए. श्री सिन्हा ने कहा कि महंगाई रोकने के लिए ब्याज दर कम होना चाहिए. ब्याज बढ़ने से इंडस्ट्री, कृषि एवं अन्य क्षेत्रों पर इसका असर पड़ता है. कार्यक्रम का संचालन अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सजल मुखर्जी ने किया. धन्यवाद ज्ञापन विभावि प्रतिकुलपति प्रो मनोरंजन प्रसाद सिन्हा ने किया.
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