हजारीबाग : हमें अपने घर रोशन करने और उद्योगों को चलाने के लिए बिजली चाहिए. लेकिन बिजली की फिजूलखर्ची के कारण आधा जिला ढिबरी युग में जी रहा है. प्रत्येक माह हजारीबाग विद्युत प्रक्षेत्र में करीब 10 करोड़ की बिजली बेवजह बरबाद हो जाती है.
घरों के बाहर बल्ब, घर के अंदर पंखा, फ्रिज, हीटर, टीवी, सड़कों पर 24 घंटे मास्ट लाइट व स्ट्रीट लाइट जलती हुई नजर आती है. बिजली की इस फिजूलखर्ची को कोई भी संजीदगी से नहीं लेता. प्रत्येक माह हजारीबाग विद्युत प्रक्षेत्र में करीब तीन लाख यूनिट बिजली फिजूलखर्ची व चोरी में चली जाती है.
विभाग के अनुसार हजारीबाग विद्युत प्रक्षेत्र में कुल 16 करोड़ यूनिट बिजली डीवीसी से खरीदी जाती है. इसके विरुद्ध बिजली विभाग मात्र एक करोड़ यूनिट की बिजली बिलिंग उपभोक्ताओं को कर पाती है.
दिन में भी जलती रहती हैं कई स्ट्रीट लाइट : हजारीबाग नगर पर्षद क्षेत्र में एक हजार स्ट्रीट लाइट व 50 हाइ मास्ट लाइट लगी हुई है. कई मास्ट लाइट में स्वीच नहीं है. स्ट्रीट लाइट एक किलो वाट व मास्ट लाइट ढ़ाई किलो वाट की क्षमता की है. सोमवार को शहर की 20 स्ट्रीट लाइट जलती रही.
इन जगहों पर 24 घंटे जलती हैं मास्ट लाइट : समाहरणालय धरना स्थल,एकपटिया चौक, मटवारी, आनंदपुरी, इमली कोठी, कल्लू चौक सहित कई जगहों पर स्ट्रीट लाइट दिन में जलती हुई नजर आयी.
उपभोक्ता बिजली बिल नहीं चुकाते : झारखंड में सबसे कम दर पर बिजली उपलब्ध है. लेकिन बिजली उपभोक्ता नियमित बिजली बिल का चुकता नहीं करते. जिसके कारण बिजली विभाग का कर्ज के साथ मर्ज बढ़ता जा रहा है. हजारीबाग विद्युत अंचल में दो लाख 72 हजार 210 बिजली उपभोक्ता हैं. इनमें से मात्र 74899 बिजली उपभोक्ता ही नियमित बिजली बिल जमा करते हैं.
– जयनारायण –