माजणाघाट पुल से विष्टुपादुका तक जजर्र सड़क पर फूटा गुस्सा
सरायकेला : माजणाघाट पुल के पहुंच पथ से विष्टुपादुका तक सड़क की जजर्र स्थिति पर आक्रोशित ग्रामीणों ने अपना विरोध जताया. विरोध स्वरूप ग्रामीणों ने सड़क पर उभर आये असंख्य गड्ढे में धान की रोपनी कर डाली. ग्रामीणों का कहना है कि लगभग दो किमी की इस सड़क पर तालाबनुमा असंख्य गड्ढे बन गये हैं.
बारिश के दिनों में सड़क तालाब का रूप ले लेता है, जिससे दोपहिया व चारपहिया वाहनों के अलावा पैदल चलने वालों को भी काफी परेशानी होती है. सड़क की जजर्र स्थिति से ग्रामीणों द्वारा कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया, परंतु किसी तरह की पहल नहीं की गयी.
ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2008-09 में सड़क का निर्माण किया गया था, परंतु विभाग द्वारा सड़क को अधूरा ही छोड़ दिया गया. इसके बाद से सड़क का निर्माण नहीं हो पाया. ग्रामीणों ने बताया कि विष्टुपादुका गांव के अंतिम छोर से शत्रुसाल जानेवाली सड़क की पक्कीकरण हो गयी है, परंतु इस सड़क को अधूरा ही छोड़ दिया गया है.
ग्रामीणों का कहना है कि यदि एक पखवाड़ा के अंदर सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया, तो ग्रामीण आंदोलन का रुख अख्तियार करेंगे. मौके पर उपमुखिया गुरा बांड्रा के अलावा दर्जनों ग्रामीण शामिल थे.
वर्ष 08-09 में बनी थी सड़क
माजणाघाट पुल के पहुंच पथ से विष्टुपादुका तक सड़क का निर्माण सह कालीकरण कार्य लाखों की लागत से वर्ष 2008-09 में शुरू किया गया था. कार्य की एजेंसी एनआरइपी विभाग थी. सड़क का निर्माण विभागीय स्तर से किया गया था, बाद में यह सड़क आरइओ विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया, परंतु आरइओ विभाग द्वारा सड़क का निर्माण नहीं कराया गया. तब से यह सड़क अधूरी ही है.
उक्त सड़क के आगे शत्रुसाल होते हुए सीदाडीह तक पक्की सड़क बन गयी, परंतु यह दो किम सड़क का निर्माण नहीं हो सका है.