।। अरुण/संजय ।।
हजारीबाग : जिले के केरेडारी प्रखंड स्थित एनटीपीसी की चट्टी बारियातू कोल खनन परियोजना के साइड कार्यालय व फील्ड हॉस्टल के निर्माण का विरोध कर रहे रैयतों पर पुलिस ने गोलियां चलायी. इससे भू–रैयत केसर महतो (55) की मौत हो गयी. घटना मंगलवार दिन के करीब 12.30 बजे मासीपीढ़ी पगार में घटी. घटना में पांच रैयत घायल हो गये हैं. इनमें दो की हालत गंभीर है.
दोनों को रांची रेफर कर दिया गया है. रैयतों की ओर से किये गये पथराव में पुलिसकर्मी राणा प्रताप सिंह घायल हो गया है. घटना के बाद आक्रोशित रैयतों ने केसर महतो के शव के साथ केरेडारी चौक को जाम कर दिया. रैयत दोषियों के खिलाफ मुकदमा चलाने, एनटीपीसी को वापस भेजने और मृतक के परिजनों को 10 लाख मुआवजा व नौकरी देने की मांग पर अड़े थे.
हजारीबाग/केरेडारी : हजारीबाग जिले के केरेडारी प्रखंड मुख्यालय स्थित बेल चौक से उत्तर दिशा में दो किमी की दूरी पर है पगार गांव. यहां से 100 मीटर पश्चिम मासीपीढ़ी पगार है, जहां एनटीपीसी की चट्टी बारियातू कोल खनन परियोजना के साइड कार्यालय व फील्ड हॉस्टल का निर्माण पेटी ठेकेदार प्रदीप सिंह (ठेकेदार सीता राम कुशवाहा) करा रहे हैं.
ग्रामीण शुरू से ही साइड कार्यालय व फील्ड हॉस्टल का विरोध कर रहे हैं. इसी विरोध के तहत सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरुष मंगलवार को साइड कार्यालय के सामने जुटे थे.
सुबह 10.30 बजे रैयत पेटी ठेकेदार प्रदीप सिंह के पास गये थे. काम रोकने को कहा था. पर रैयतों का पेटी ठेकेदार के साथ विवाद हो गया. रैयतों ने कार्यालय का निर्माण कार्य बंद कराने को कहा.
आरोप है कि इसी दौरान प्रदीप सिंह के पुत्र अभिषेक कुमार सिंह और विकास कुमार सिंह ने रैयत कमलनाथ महतो (पिता सुकर महतो) के सिर पर कुदाल से वार कर दिया. इससे वह घायल हो गया.
पुलिस को दी थी सूचना : घटना के बाद कमलनाथ अन्य रैयतों के साथ केरेडारी थाना पहुंचा. पुलिस को घटना की जानकारी दी. इसके बाद जमादार मुक्तिनाथ सिंह पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. पर इससे पहले ही अभिषेक सिंह भाग कर लालदेव महतो के घर में छिप गया.
सूचना मिलने के बाद पुलिस ने उसे वहां से निकाला और घटनास्थल पर ही वार्ता शुरू कर दी. पुलिस की मौजूदगी में वहां विवाद बढ़ गया. दोनों ओर से पथराव शुरू हो गया. इसके बाद पुलिस ने रैयतों पर फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस ने करीब सात राउंड फायरिंग की. इससे रैयत केसर महतो की मौत हो गयी. घटना में पांच रैयत घायल हो गये.
शव के साथ रोड जाम
घटना के बाद आक्रोशित रैयत केसर महतो के शव के साथ दिन के करीब एक बजे केरेडारी के मुख्य चौक पर पहुंचे. वहां शव के साथ रोड जाम कर दिया. हजारों की संख्या में रैयत सड़क पर ही बैठ गये. सभी एनटीपीसी और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे.
ठेकेदार, जमादार मुक्तिनाथ सिंह, सिपाही राणा प्रताप सिंह और रवींद्र शर्मा पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग कर रहे थे. साथ ही मृतक के परिजनों को एनटीपीसी की ओर से 10 लाख रुपये का मुआवजा व नौकरी दिये जाने की भी मांग पर अड़े थे. मौके पर योगेंद्र साव की पत्नी उर्मिला देवी और झाविमो नेता शिवलाल महतो समेत विभिन्न दलों के नेता उपस्थित थे.
क्या कहते हैं घायल
घायल नानू महतो ने बताया : पगार गांव के लोग विस्थापित नहीं हों, इसके लिए एनटीपीसी का साइड कार्यालय हटाने की मांग कर रहे थे. एनटीपीसी के अधिकारियों से कई बार यह मांग की थी. इसके बाद भी निर्माण शुरू कर दिया गया. मंगलवार को हमलोग निर्माण बंद कराने पहुंचे.
पर प्रदीप सिंह की ओर से धमकाया जाने लगा. उस समय वहां पर पुलिस नहीं थी. ठेकेदारों ने कुदाल से कमलनाथ महतो को मारा. इसके बाद रैयत थाना आ गये. घटनास्थल पर पुलिस जब ठेकेदारों की मदद करने लगी, तब रैयत आंदोलित हो गये. इसके बाद पुलिस ने ठेकेदारों के समर्थन में रैयतों पर गोली चला दी. घायल कमलनाथ महतो ने कहा : हमलोग शांतिपूर्वक साइड कार्यालय का काम बंद करवाने गये थे. ठेकेदार से बातचीत कर रहे थे. इस बीच ठेकेदार प्रदीप सिंह हमें धमकाने लगे. कुदाल से मेरे सिर पर मारा गया.
क्या कहता है एनटीपीसी
परियोजना के महाप्रबंधक के जनसंपर्क पदाधिकारी गुलशन टोप्पो ने फोन पर बताया : पगार गांव में दो गुटों के बीच आपसी मतभेद से तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई. पुलिस ने शांति बनाये रखने के लिए एहतियातन कदम उठाया, जिससे यह अप्रिय घटना घटी. एनटीपीसी ने केरेडारी के सीता राम कुशवाहा (कर्णपुरा कांट्रैक्टर कंपनी) को साइड कार्यालय व फिल्ड हॉस्टल बनाने का काम दिया है. सीता राम कुशवाहा यह काम पेटी कांट्रैक्टर प्रदीप सिंह से करवा रहे हैं. एनटीपीसी कोल खनन परियोजना की इस घटना में कोई भूमिका नहीं है.