हजारीबाग: जिले के कई प्रखंडों में पीडीएस दुकानों की सोशल ऑडिट नहीं हुई. जिले में कुल 1228 पीडीएस दुकान है. इन दुकानों से 7.75 लाख पीएच सदस्य व 38, 256 अंत्योदय सदस्यों को खाद्यान्न व केरोसिन का आवंटन होता है. यहां सोशल ऑडिट के नाम पर सिर्फ खानापूरी ही हुई है. सोशल ऑडिट के बजाये पीडीएस दुकानदारों ने राशन कार्ड बांटने व उसकी पारदर्शिता को दरकिनार किया.
कार्ड बनाने की प्रक्रिया व कार्ड की छंटनी जैसे मुद्दे को उलझा कर रखा गया. अब बगैर ऑडिट के पीडीएस दुकानदार घर-घर जाकर कार्डधारियों व जनप्रतिनिधियों से हस्ताक्षर ले रहे हैं. ज्ञात हो कि दो अक्तूबर को सार्वजनिक वितरण विभाग की ओर से ग्राम स्मृद्धि के तहत सोशल ऑडिट कराने का निर्णय लिया गया था.
कैसे होना था ऑडिट
झारखंड सरकार ने सभी पीडीएस दुकानों का एक साथ दो अक्तूबर को सोशल ऑडिट कराने का निर्णय लिया था. इसमें पंचायत स्तर पर आमसभा करने, जनप्रतिनिधियों को सहभागी बनाने, अप्रैल 2017 से सितंबर 2017 तक प्रतिमाह खाद्यान्न व केरोसिन का वितरण की रिपोर्ट जमा करने, खाद्यान्न की मात्रा, लाभुकों से ली जानेवाली राशि आदि का अॉडिट किया जाना था. लेकिन पीडीएस दुकानदारों ने विवरण की जानकारी नहीं लाभुकों को नहीं दी. यहां तक की आमसभा भी नहीं की और जनप्रतिनिधियों को भी इसकी जानकारी नहीं दी.
इन स्थानों पर नहीं हुई अॉडिट
शहरी क्षेत्र, सदर प्रखंड, दारू, टाटीझरिया, पदमा समेत कई प्रखंडों में ऑडिट का काम नहीं हुआ.
क्या कहते हैं मुखिया
सखिया पंचायत के मुखिया अरुण कुमार यादव व अमनारी मुखिया अनूप कुमार ने बताया कि सोशल ऑडिट को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली है. पीडीएस दुकानदार घर-घर जाकर सोशल ऑडिट संबंधी हस्ताक्षर करवा रहे हैं.
सभी मुखिया को वाटसएप्प पर सूचना दे दी गयी थी. ऑडिट किया गया है. रिपोर्ट अभी तक नहीं आयी है. कौशल कुमार दास, एमओ