गुमला : कल्याण विभाग, एडीआर व एआरसी (आद्री) के संयुक्त तत्वावधान में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के लिए बनाये गये अत्याचार निवारण संशोधन नियम 2016 विषय पर गुमला के विकास भवन सभागार में शुक्रवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में अत्याचार निवारण संशोधन नियम को कड़ाई से लागू करने पर बल दिया गया.
इस अवसर पर आद्री के डेवलपमेंट प्रोफेशनल रेणु व झारखंड फाउंडेशन की कम्युनिकेशन हेड सिनिग्धा अग्रवाल मौजूद थीं. उन्होंने एससी व एसटी के लिए बनाये गये अत्याचार निवारण संशोधन नियमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. बताया कि अत्याचार निवारण संशोधन नियम के तहत यदि कोई एससी अथवा एसटी थाने में मामला दर्ज कराता है, तो मामला दर्ज होने के 60 दिनों के अंदर अनुसंधान को पूर्ण करना अत्यावश्यक है.
साथ ही प्रावधान के अनुसार पीड़ित व्यक्ति को एक सप्ताह के अंदर अनुमान्य राहत के तहत अनुदान राशि का भी भुगतान करना है. इसके अलावा कार्यशाला में शामिल लोगों को एसटी व एससी अत्याचार का एफआइआर दर्ज करने सहित न्याय व मुआवजा दिलाने की विभिन्न पहलुओं के बारे में भी जानकारी दी गयी.
इससे पूर्व कार्यशाला का शुभारंभ अतिथियों ने किया. मौके पर डीसी श्रवण साय, एसपी चंदन कुमार झा, डीडीसी नागेंद्र कुमार सिन्हा, डीआरडीए डायरेक्टर मोहम्मद मुस्तकीम अंसारी, नैप डायरेक्टर नयनतारा केरकेट्टा, सदर डीएसपी इंद्रमिण चौधरी, बसिया डीएसपी बच्चनदेव कुजूर, आइटीडीए के परियोजना निदेशक कृष्ण कुमार, डीडब्ल्यूओ अनिल कुमार, डीएसडब्ल्यूओ अंजना दास व बीडब्ल्यूओ गोपाल राम दास सहित विभिन्न प्रखंडों के बीडीओ व एसआइ उपस्थित थे.