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नक्सली गढ़ में 414 करोड़ से बनेंगी आठ सड़कें
दुर्जय पासवान गुमला : गुमला जिले के अत्याधिक नक्सल प्रभावित गांवों में इस साल आठ बड़ी सड़कों का निर्माण कार्य शुरू होगा. पथ निर्माण विभाग ने सभी सड़कों का डीपीआर बना कर तैयार कर लिया है. सड़क बनाने में लगभग 414 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च आयेगा. सभी सड़कों की तकनीकी स्वीकृति मिल गयी है. […]
दुर्जय पासवान
गुमला : गुमला जिले के अत्याधिक नक्सल प्रभावित गांवों में इस साल आठ बड़ी सड़कों का निर्माण कार्य शुरू होगा. पथ निर्माण विभाग ने सभी सड़कों का डीपीआर बना कर तैयार कर लिया है. सड़क बनाने में लगभग 414 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च आयेगा. सभी सड़कों की तकनीकी स्वीकृति मिल गयी है. प्रशासनिक स्वीकृति के लिए फाइल आगे बढ़ाया गया है.
संभवत: प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद इसी साल (2017) से सड़क का निर्माण शुरू किया जायेगा. इन सड़कों को बनने से गुमला के अलावा चैनपुर, घाघरा, सिसई, भरनो, कामडारा, बसिया व लोहरदगा जिला के गांवों में रहनेवाले लोगों को आवागमन के लिए पक्का सड़क मिलेगा. लगभग पांच सौ गांवों तक सड़क जुड़ेगी. ये सभी गांव के लोग आजादी के 67 साल बाद भी आवागमन की समस्या झेल रहे हैं.
शहीद नायमन के नाम से जाना जायेगा सड़क : चैनपुर से कुरूमगढ़ तक बननेवाली सड़क को उरी में शहीद हुए नायमन कुजूर के नाम से जाना जायेगा. मुख्यमंत्री रघुवर दास इसकी घोषणा कर चुके हैं. सड़क बनने के बाद शहीद के नाम का बोर्ड लगेगा. चैनपुर से कुरूमगढ़ होते हुए उरू बारडीह से सोकराहातू तक सड़क बनने के बाद 10 हजार से अधिक लोगों को आवागमन के लिए सड़क मिलेगी. यह पूरा क्षेत्र माओवादियों का गढ़ है.
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सड़क बनाने के लिए पीडब्ल्यूडी को डीपीआर बनाने के लिए कहा था. डीपीआर बन गया है. प्रशासनिक स्वीकृति लेकर जल्द काम शुरू करेंगे.
श्रवण साय, डीसी, गुमला
शहीद के गांव की सड़क बनाने के लिए सर्वे हो गया है. अन्य सड़कों का डीपीआर तैयार है. जैसे ही प्रशासनिक स्वीकृति मिलेगी. सड़क का निर्माण कार्य शुरू कर देंगे.
विनोद कच्छप, ईई, पीडब्ल्यूडी
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