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पति को बचाने के लिए उग्रवादी से भिड़ी एतवारी
दुकानदार को मारने आये उग्रवादी को ग्रामीणों ने मारा गुमला से 21 किमी दूर कसीरा गांव के ग्रामीणों ने दिखायी एकजुटता. अगर ग्रामीण उग्रवादी को नहीं मारते, तो उग्रवादी कई लोगों को गोली मार देते. दुर्जय पासवान गुमला : गुमला से 21 किमी दूर कसीरा पंचायत है. इस गांव में बुधवार की रात ग्रामीणों ने […]
दुकानदार को मारने आये उग्रवादी को ग्रामीणों ने मारा
गुमला से 21 किमी दूर कसीरा गांव के ग्रामीणों ने दिखायी एकजुटता. अगर ग्रामीण उग्रवादी को नहीं मारते, तो उग्रवादी कई लोगों को गोली मार देते.
दुर्जय पासवान
गुमला : गुमला से 21 किमी दूर कसीरा पंचायत है. इस गांव में बुधवार की रात ग्रामीणों ने एकजुटता का परिचय दिखाया है. एक उग्रवादी का सेंदरा (मार डाला) कर दिया. अगर ग्रामीण उग्रवादी को नहीं मारते, तो वह कई लोगों को गोली मार देता. उग्रवादी को पकड़ने व उसका पिस्तौल छिनने में दिलीप साहू की पत्नी एतवारी देवी ने हिम्मत दिखायी.
जब उग्रवादी ने दिलीप पर पिस्तौल ताना, तो एतवारी ने मां दुर्गा का रूप धारण कर लिया. वह सीधे उग्रवादी से भिड़ गयी. उग्रवादी गोली चलाता, इससे पहले उसने पिस्तौल छीन ली. एतवारी ने उग्रवादी को जमीन पर पटक दी और चिल्लाने लगी. 10 मिनट तक एतवारी उग्रवादी को पकड़े रही. इस दौरान एतवारी चिल्ला भी रही थी. आवाज सुन कर ग्रामीण पहुंचे और उग्रवादी को पकड़ लिया. इसके बाद ग्रामीणों ने उसकी पिटाई शुरू कर दी.
दिलीप के घर से मुख्य सड़क मंदिर के समीप तक 50 फीट की दूरी तक ग्रामीण उग्रवादी की पिटाई करते रहे. इसके बाद मुख्य सड़क पर ग्रामीणों ने यह कह कर उग्रवादी का सिर पत्थर से कुचल दिया कि यह दूसरे उग्रवादियों के लिए सबक होगा. मारे गये उग्रवादी के अन्य तीन साथी किसी प्रकार जान बचा कर भाग गये. ग्रामीणों ने कहा कि अगर वे तीनों उग्रवादी पकड़ाते, तो उनका भी सेंदरा कर देते.
वर्ष 2002 से उग्रवाद से जूझ रहे हैं : कसीरा पंचायत आैर आसपास के 20 गांव की 10 हजार आबादी वर्ष 2002 से उग्रवाद व अपराध से जूझ रही है. यह भाकपा माओवादी, पीएलएफआइ आैर पहाड़ी चीता गिरोह के प्रभाव वाला क्षेत्र है. कई बड़ी घटनाएं इस क्षेत्र में हो चुकी है. हालांकि कई ऐसे अवसर आये हैं, जब गांव के लोग उग्रवादी व अपराधियों के खिलाफ खड़े हो चुके हैं. इधर, एक बार फिर इस क्षेत्र के लोग उग्रवादी व अपराधियों को सबक सिखाने के लिए तैयार हैं.
गांव में घुसेंगे उग्रवादी, तो मारेंगे : गांव के लोगों ने कहा है कि अगर दोबारा उग्रवादी आैर अपराधी गांव में घुसेंगे, तो सेंदरा कर देंगे. पहले भी गांव में उग्रवादी व अपराधी घुसते रहे हैं आैर ग्रामीण उन्हें मारते रहे हैं. गुमला से कसीरा की दूरी 21 किमी है. सड़क भी खराब है.
उग्रवादी आैर अपराधी के गांव में घुसने की सूचना पुलिस को देने पर पुलिस को गांव पहुंचने में देर हो सकती है. हमेशा ग्रामीण एकजुट होकर उग्रवादी व अपराधियों को सबक सिखाते रहे हैं. ग्रामीणों ने कहा कि हम गांव में शांति चाहते हैं. हमें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता है.
पुलिस पहुंची, तो गांव में था सन्नाटा : कसीरा में एक उग्रवादी का सेंदरा हो गया है. इसकी सूचना मिलने पर थाना प्रभारी राकेश कुमार, एसआइ बिगु राम, बबलू बेसरा, आरएन झा पुलिस बल व एंटी लैंड माइंस वाहन के साथ गांव पहुंचे. जब पुलिस गांव पहुंची, तो पूरे गांव में सन्नाटा था. सिर्फ शव बीच सड़क पर था. एक बड़ा पत्थर व कुछ टूटी हुई लकड़ी थी. पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को बुलाया, तो लोग घर से निकले. इसके बाद पूरी घटना की जानकारी पुलिस को दी.
थानेदार ने पूछताछ की : घटना कैसे हुई, मारा गया युवक उग्रवादी है या अपराधी. आखिर ग्रामीणों ने क्यों उग्रवादी को मारा. इस संबंध में थाना प्रभारी राकेश कुमार ने कई लोगों से पूछताछ की. पुलिस ने रमेश साहू, योगेश साहू, दिलीप साहू सहित कई लोगों से पूछताछ की. रमेश व योगेश को गुमला थाना भी लाकर पूछताछ की गयी.
मेरी पत्नी ने मुझे बचाया : दिलीप
प्रत्यक्षदर्शी दिलीप साहू ने बताया कि रात में हल्ला सुन कर वह घर से बाहर निकला. इसी दाैरान घर के सामने एक व्यक्ति खड़ा था, जो भाग रहा था. उससे जब आवाज होने का कारण पूछा, तो उसने दिलीप पर पिस्तौल तान दी. दिलीप ने कहा कि उसकी पत्नी एतवारी ने उसे बचाया.
उग्रवादी ने "100
का चेंज कराया
रमेश साहू के भाई योगेश साहू ने बताया कि मारा गया उग्रवादी शाम छह बजे उसके भाई रमेश के पास आया था. इसके बाद वह 100 रुपये का चेंज करा कर चला गया. जब रात आठ बजे रमेश अपनी बहन के घर सोने जा रहा था, तो चार उग्रवादियों ने उसे मारने के लिए दाैड़ाया.
पति को बचाने के लिए उग्रवादी से लड़ी : एतवारी
एतवारी देवी ने कहा कि अपने पति को बचाने के लिए उसने उग्रवादी से लड़ाई की. जैसे ही हमलोग घर से निकले और उग्रवादी से हल्ला होने का कारण पूछा, तो उसने पिस्तौल निकाल कर मेरे पति पर तान दिया. अगर उग्रवादी को पकड़ कर उससे पिस्तौल नहीं लूटती, तो वह गोली चला देता. मैंने उग्रवादी को पकड़ लिया आैर उसे पटक दिया. फिर पिस्तौल लूट ली.
यह सब इतना जल्द हुआ कि उग्रवादी को गोली चलाने का मौका नहीं मिला. जब गांव के अन्य लोग पहुंचे, तो वे लोग उग्रवादी की पिटाई करते हुए सड़क की ओर ले गये. पिस्तौल को मैंने गांव के ही लोगों को दे दिया. इसे गुरुवार की सुबह पुलिस को सौंप दिया गया. एतवारी ने कहा कि इस क्षेत्र में बढ़ते उग्रवाद आैर अपराध को खत्म करने के लिए पुलिस पिकेट की स्थापना होनी चाहिए.
पुलिस पिकेट की स्थापना होनी चाहिए : मुखिया
मुखिया सुशीला सोरेंग ने कहा कि यह क्षेत्र उग्रवाद आैर अपराध का गढ़ बनते जा रहा है. गुमला, सिसई आैर बसिया प्रखंड का सीमावर्ती गांव कसीरा है. उस तरफ से भाग कर उग्रवादी यहां छिपने आते हैं. ग्रामीण खदेड़ते हैं, लेकिन डर भी लगता है. यहां पुलिस पिकेट बनने पर शांति कायम रहेगी.
दो केस दर्ज होगा : थाना प्रभारी
थाना प्रभारी राकेश कुमार ने कहा कि इस घटना को लेकर थाना में दो प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. गांव के रमेश साहू द्वारा उस पर हुए हमले को लेकर प्राथमिकी दर्ज करा कर मामले की जांच की जायेगी. दूसरी प्राथमिकी मैं खुद (थानेदार) युवक की हत्या के मामले में दर्ज करूंगा. इसमें अज्ञात लोगों पर केस किया जायेगा.
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