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22 शिक्षक हैं, फिर भी पढ़ाई बाधित

गुमला : एक स्कूल में 22 शिक्षक हैं. फिर भी व्यवस्था चौपट है. बच्चों की पढ़ाई भी जैसे- तैसे हो रही है. यह तो मजाक बन गया है. यह हाल गुमला शहर के टंगरा स्कूल (बालक- बालिका) का है. गुरुवार को डीसी श्रवण साय स्कूल का निरीक्षण कर रहे थे. डीएसइ गनौरी मिस्त्री थे. डीसी […]

गुमला : एक स्कूल में 22 शिक्षक हैं. फिर भी व्यवस्था चौपट है. बच्चों की पढ़ाई भी जैसे- तैसे हो रही है. यह तो मजाक बन गया है. यह हाल गुमला शहर के टंगरा स्कूल (बालक- बालिका) का है.
गुरुवार को डीसी श्रवण साय स्कूल का निरीक्षण कर रहे थे. डीएसइ गनौरी मिस्त्री थे. डीसी के निरीक्षण आैर जांच में स्कूल की व्यवस्था व शिक्षकों की मनमरजी पढ़ाई की पोल खुल गयी. स्कूल खुलते ही सुबह डीसी जांच के लिए टंगरा स्कूल पहुंचे थे. पहले उन्होंने स्कूल में शिक्षकों की संख्या व प्रतिदिन शिक्षकों की उपस्थिति की जांच की. कई शिक्षक छुट्टी पर थे. जांच में पता चला. स्कूल में 740 विद्यार्थियों का नामांकन है, लेकिन प्रतिदिन 445 से 450 विद्यार्थी ही स्कूल आते हैं. शिक्षकों का स्वीकृत पद 23 है. इसमें 22 शिक्षक कार्यरत हैं. कमरों की संख्या 17 है. एक पारा शिक्षक महावीर महतो भी हैं. डीसी उस समय अचंभित हुए, जब उन्हें बताया गया कि 22 शिक्षक हैं. डीसी ने सुधार का निर्देश दिया. उन्होंने कई शिक्षकों का नाम नोट किया.
जर्जर व बेकार भवन को तोड़ने का निर्देश :स्कूल परिसर में वर्षों पुराने जजर्र भवन हैं, वह टूट कर गिर रहे हैं. अगर गलती से बच्चे जजर्र भवन के अंदर घुस जाये, तो बड़ा हादसा हो सकता है. प्रभात खबर ने डीसी का ध्यान जर्जर भवन की ओर कराते हुए कहा कि भवन की मरम्मत कराने आैर फिर तोड़ कर नया भवन बनाने की बात रखी. डीसी ने कहा कि सरकार का पत्र आया है. जो बेकार व जजर्र भवन है, उसे तोड़ा जायेगा.

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