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घर बनाने के लिए मांग रहे हैं घूस
गुमला शहर के सभी 20 वार्ड में मलिन बस्ती आवास योजना में गड़बड़ी हुई है. घर बनवाने के नाम पर वार्ड पार्षदों ने गरीबों से पैसे लिये हैं. परंतु स्वीकृत घर अभी तक पूरा नहीं हुआ है. वार्ड 14 में गड़बड़ी की शिकायत लोगों ने की है. दुर्जय पासवान गुमला :गुमला शहर में मलिन बस्ती […]
गुमला शहर के सभी 20 वार्ड में मलिन बस्ती आवास योजना में गड़बड़ी हुई है. घर बनवाने के नाम पर वार्ड पार्षदों ने गरीबों से पैसे लिये हैं. परंतु स्वीकृत घर अभी तक पूरा नहीं हुआ है. वार्ड 14 में गड़बड़ी की शिकायत लोगों ने की है.
दुर्जय पासवान
गुमला :गुमला शहर में मलिन बस्ती आवास योजना के तहत गरीबों का घर बनाने में घूस का फंडा अजीब है. जिसने पैसा दिया, उसका घर बन गया. जिसने घूस नहीं दी, उसका घर नहीं बना. इसका उदाहरण वार्ड नंबर 14 है. यहां लोगों ने वार्ड पार्षद पर गरीबों का घर बनाने में गड़बड़झाला का आरोप लगाया है. लोगों ने लिखित शिकायत नगर परिषद की उपाध्यक्ष के अलावा डीसी, एसडीओ व नगर विकास विभाग से की है.
लोगों ने की शिकायत
मुहल्ले के कृष्णा चीक बड़ाइक, कृष्णा उरांव, आशीष गोप, मनोज उरांव, सरोज तिर्की, कमल उरांव, सरस्वती देवी, सविता तिर्की, सुशीला एक्का, राजकुमार, कृष्णा प्रसाद साहू, लुधू चीक बड़ाइक व रामकेश्वर उरांव ने कहा है कि पार्षद ने गरीबों की बजाय सरकारी मुलाजिम व अमीरों को घर का लाभ दे दिया है. जिन गरीबों का आवास स्वीकृत हुआ है और अभी आधा अधूरा घर बना है, उन लोगों से घूस लिया गया है. घूस नहीं देने पर तीसरी किस्त की राशि का भुगतान नहीं हो रहा है.
वार्ड पार्षद की सुनिये
वार्ड पार्षद सीता देवी ने कहा है कि आवेदन में जितने लोगों ने हस्ताक्षर कर शिकायत की है, उसमें से कोई भी लाभुक नहीं है. एक लाभुक कृष्णा चीक बड़ाइक है. उसे तीसरे किस्त की राशि मिलनी है. अभी तक उसने तीसरी किस्त के लिए आवेदन जमा नहीं किया है. इसके कारण उसका पैसा रुका है. आवेदन जमा करने पर उसका पैसा मिल जायेगा. अन्य मामलों में जो आरोप लगा है, वह बेबुनियाद है. एक साजिश के तहत बदनाम किया जा रहा है.
गड़बड़ी की जांच के विषय
सरिता देवी के नाम से आवास स्वीकृत हुआ है. परंतु वार्ड पार्षद खुद अपनी जमीन पर घर बनवा रही है. तीन किस्त राशि की निकासी हो गयी है. घर बन रहा है.
कृष्णा चीक बड़ाइक के नाम से आवास स्वीकृत हुआ है. दो किस्त का भुगतान हो गया है. तीसरा किस्त नहीं मिलने से घर अधूरा है. पार्षद ने 10 हजार की मांग की है.
संगीता मिंज का घर बन रहा है. परंतु उसका पति सूरज भगत आरइओ कार्यालय में सरकारी कर्मचारी है. पैसा लेकर सरकारी कर्मी को आवास स्वीकृत कराया गया.
करमटोली की जयरानी देवी (पति सुरेंद्र भगत) का पहले से पक्का मकान है. परंतु वार्ड पार्षद ने पैसा लेकर उसे मलिन बस्ती आवास स्वीकृत करा दिया.
संतराय उरांव के नाम से घर स्वीकृत हुआ है. परंतु संतराय की पत्नी सरकारी शिक्षिका है. पार्षद से मिलीभगत कर आवास बनवा रहा है.
शांति देवी का पति बुद्धेश्वर उरांव झारखंड पुलिस में है. लाभुक से मिलीभगत कर उसके घर में शौचालय व चापानल खुदवा दी है.
सरोज देवी से पार्षद से छह हजार रुपये घूस लेकर आवास की स्वीकृत करा दी. परंतु वार्ड पार्षद अभी तक फाइल दबा कर रखी हुई है.
बेंगो देवी से पार्षद से तीन हजार रुपये घूस ली है. मांग के अनुसार पूरा पैसा नहीं मिलने के कारण आवास स्वीकृत नहीं हुआ. जबकि बेंगो गरीब है.
गुमला में 851 घर बन रहा है
गुमला शहर के एक से बीस वार्ड तक मलिन बस्ती आवास योजना के तहत 851 आवास बनना है. इसमें विभाग के मुताबिक 679 आवास पूर्ण हुआ है. शेष में काम चल रहा है. परंतु हकीकत कुछ और है. अभी भी आधा से अधिक घर अधूरा है. इस योजना में पार्षदों ने पांच से 10 हजार रुपये गरीब लाभुकों से वसूली कर चुके हैं. इस कारण अभी तक घर पूरा नहीं हुआ है.
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