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एक्सीडेंटल जोन में लगेंगे निशान
पहल. ट्रैफिक नियमों के पालन पर उपायुक्त के साथ पदाधिकारियों की बैठक ट्रैफिक नियम का सख्ती से पालन कराने के लिए लगेंगे सीसीटीवी गुमला : गुमला जिले के अंदर जितने भी एक्सीडेंटल जोन व तीखे मोड़ हैं, उन्हें चिह्नित किया जायेगा और वहां एरो चिह्न व ब्रेकर बनाया जायेगा. सभी चिह्नित स्थानों पर एक-एक सूचना […]
पहल. ट्रैफिक नियमों के पालन पर उपायुक्त के साथ पदाधिकारियों की बैठक
ट्रैफिक नियम का सख्ती से पालन कराने के लिए लगेंगे सीसीटीवी
गुमला : गुमला जिले के अंदर जितने भी एक्सीडेंटल जोन व तीखे मोड़ हैं, उन्हें चिह्नित किया जायेगा और वहां एरो चिह्न व ब्रेकर बनाया जायेगा. सभी चिह्नित स्थानों पर एक-एक सूचना बोर्ड भी लगाया जायेगा. इसके अलावा शहर में ट्रैफिक नियम का भी सख्ती से पालन कराया जायेगा.
गुरुवार को विकास भवन में आयोजित जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में उपायुक्त श्रवण साय यह जानकारी दे रहे थे. उपायुक्त ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम की दिशा में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए यह कदम उठाया है.
उपायुक्त ने सड़क सुरक्षा के लिए पुलिस विभाग को आधुनिक एवं तकनीकी यंत्र उपलब्ध कराने, यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वालों का पता लगाने के लिए सीसीटीवी कैमरा आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने, यातायात सुरक्षा तकनीकी को अंगीकृत करने, सड़क के किनारे लगे होर्डिंग्स, जो चालक को वाहन चालन में बाधा डालते हैं या विचलित करते हैं को हटाने, राष्ट्रीय राजमार्गों तथा राज्य उच्च पथों पर सड़क दुर्घटना से संबंधित ब्लैक स्पॉट की पहचान एवं निराकरण, चालकों का कौशल एवं चालक अनुज्ञप्ति निर्गमन के लिए सेंसर आधारित कंप्टरीकृत ट्रैकिंग की व्यवस्था करने आदि की जानकारी दी. बैठक में डीडीसी नागेंद्र कुमार सिन्हा, डीएसपी कपिंद्र उरांव, डीटीओ मुस्तकीम अंसारी सहित सवारी वाहनों के ऑनर उपस्थित थे.
स्कूल के बाहर लगेंगे ब्रेकर : डीसी
उपायुक्त ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए एक्सीडेंटल जोन व तीखे मोड़ को चिह्नित करना बहुत जरूरी है. नेशनल हाइवे में पड़ने वाले विद्यालयों के बाहर भी ब्रेकर लगाना है. इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं. ट्रैफिक नियम का सख्ती से पालन कराने के लिए भी कहा गया है. इसके लिए हर चौक-चौराहें पर ट्रैफिक पुलिस तैनात रखें.
मोड़ पर अधिक होती है दुर्घटना
डीएसपी कपिंद्र उरांव ने कहा कि गुमला जिले में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां आये दिन सड़क हादसे होते हैं. मुख्य एक्सीडेंटल जोन में बिशुनपुर, पालकोट, सिसई, रायडीह, भरनो व घाघरा व गुमला है. इन प्रखंडों में कई तीखे मोड़ हैं, जहां दुर्घटना होती है. उन क्षेत्रों पर विशेष नजर रहेगी.
पहले इलाज की व्यवस्था हो
बैठक में मामला उठाया गया कि दुर्घटना का शिकार होने वालों को जब इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया जाता है, तो वहां पहले पुलिस से संपर्क किया जाता है. इस कारण कई बार इलाज में देरी होती है, जिससे घायल की परेशानी बढ़ जाती है. इस समस्या के समाधान के लिए उपायुक्त ने बैठक में उपस्थित सिविल सर्जन डॉ जेपी सांगा को निर्देश दिया कि पुलिस से संपर्क करने से पहले घायल का इलाज कराना सुनिश्चित करें.
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