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262 स्कूलों के हेडमास्टर डकार गये “5.50 करोड़
गुमला जिले के 11 प्रखंडों में शिक्षा विभाग के 262 स्कूलों में अभी तक भवन निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है, जबकि कई बार अधूरे भवनों को पूरा करने का निर्देश दिया गया है. भवन निर्माण का पैसा हेडमास्टर खा गये. इस कारण अभी तक भवन पूरा नहीं हुआ है. दुर्जय पासवान गुमला : गुमला […]
गुमला जिले के 11 प्रखंडों में शिक्षा विभाग के 262 स्कूलों में अभी तक भवन निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है, जबकि कई बार अधूरे भवनों को पूरा करने का निर्देश दिया गया है. भवन निर्माण का पैसा हेडमास्टर खा गये. इस कारण अभी तक भवन पूरा नहीं हुआ है.
दुर्जय पासवान
गुमला : गुमला जिले के 262 हेडमास्टरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी. इसकी प्रक्रिया शुरू हो गयी है. इसके अलावा इनके खिलाफ थाने में सर्टिफिकेट केस होगा. डीएसइ एसडी तिग्गा ने बीइइओ को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है. इन 262 हेडमास्टरों ने बिना स्कूल भवन बनाये पांच करोड़ 50 लाख 11433 रुपये डकार गये हैं. विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, 262 स्कूलों में भवन अधूरा है. इसके पीछे स्कूल के हेडमास्टरों की लापरवाही है.
कई बार डीएसइ यहां तक कि उपायुक्त द्वारा अधूरे भवनों को पूरा करने का निर्देश हेडमास्टरों को दिया गया है, लेकिन पैसा खाकर बैठे हेडमास्टर अधूरे भवन को पूरा करने के लिए तैयार नहीं हैं. हेडमास्टरों की इस लापरवाही को देखते हुए डीएसइ एसडी तिग्गा ने सभी हेडमास्टरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश जारी कर दिया है.
11 बीइइओ को लिखा पत्र
डीएसइ ने सभी 11 प्रखंड के बीइइओ को पत्र लिखा है, जिसमें उनके क्षेत्र में अधूरे स्कूल भवनों की सूची उपलब्ध करायी गयी है. किस स्कूल के हेडमास्टर कितना पैसा दबा कर बैठे हैं, उसकी पूरी जानकारी दी गयी है. स्कूल भवनों की स्थिति की भी जानकारी दी गयी है.
262 हेडमास्टरों में हड़कंप
प्राथमिकी दर्ज करने व विभागीय कार्रवाई की सूचना के बाद सभी हेडमास्टरों में हड़कंप मचा है. अब सभी हेडमास्टर बचाव में लगे हुए हैं. ज्ञात हो कि कोई भवन आठ साल, तो कोई सात से पांच, तो कोई तीन साल से अधूरा है. गुमला में जब भी असैनिक निर्माण की समीक्षा बैठक होती है, उपायुक्त व डीएसइ द्वारा बार-बार अधूरे कामों को पूरा करने का निर्देश दिया जाता है, लेकिन हेडमास्टरों ने इसे कभी गंभीरता से नहीं लिया. नतीजा शिक्षा विभाग अब गंभीर हो गया और कार्रवाई पर उतर आया है.
कई बीइइओ केस करने से डर रहे
डीएसइ द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश मिलने के बाद कई बीइइओ प्राथमिकी करने से डर रहे हैं. बीइइओ द्वारा कहा जा रहा है कि हम अगर हेडमास्टर पर केस करते हैं, तो हमें क्षेत्र में रहना दूभर हो जायेगा. वहीं दूसरी ओर डीएसइ का निर्देश है कि हर हाल में प्राथमिकी दर्ज कर प्रतिवेदन जमा करना है, नहीं तो बीइइओ इसमें फंसेंगे.
15 शिक्षकों का निधन हो चुका है
गुमला जिले के 15 ऐसे स्कूल हैं] जिसके हेडमास्टर का निधन पूर्व के वर्षों में हो गया है, लेकिन इनके द्वारा स्कूल भवन की राशि की निकासी कर ली गयी है, जिस कारण स्कूल भवन अधूरा रहा गया. कामडारा प्रखंड के एनपीएस महुआटोली स्कूल के एक शिक्षक की हत्या हो चुकी है, लेकिन उनके द्वारा पूर्व में ही राशि की निकासी कर ली गयी थी.
केस : 1
बिशुनपुर प्रखंड के जीपीएस कुमाड़ी में भवन निर्माण अधूरा है. यहां के पूर्व के प्रधानाध्यापक का निधन हो गया है. कुछ काम हुआ, लेकिन बाद में काम बंद कर दिया गया. भवन बनाने का चार लाख 46 हजार 874 रुपये बकाया है, लेकिन अब उग्रवादी स्कूल भवन बनाने नहीं दे रहे हैं.
केस : 2
चैनपुर प्रखंड के प्राथमिक स्कूल राजाडेरा का भवन अधूरा है. यहां के हेडमास्टर सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन सेवानिृवत्ति से पहले वे तीन लाख 50 हजार 738 रुपये की निकासी कर चुके हैं. इसी प्रकार बिशुनपुर, चाकडीपा, कोटाम बेहराटोली, बेहराटोली स्कूल के हेडमास्टरों ने पैसे की निकासी कर डकार गये़
केस : 3
डुमरी प्रखंड के सकतार स्कूल के हेडमास्टर का निधन होने के बाद शिक्षा विभाग ने राशि वसूली कर खाते में पैसा डाला था, लेकिन बाद में प्रभारी शिक्षक ने दो लाख 46 हजार 837 रुपये खाते से निकाल लिये. अभी तक स्कूल भवन अधूरा है. छात्रों को बैठने में परेशानी हो रही है.
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