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एनएच-43 को दो घंटे रखा जाम
आक्रोश. राशन कार्ड के लिए ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, सड़क पर उतरे पंडरिया के लोग राशन कार्ड नहीं बनने से नाराज पंडरिया गांव के लोगों का गुस्सा गुरुवार को फूट पड़ा़ बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतरे और अपनी मांग को लेकर एचएन 43 को करीब दो घंटे तक जाम रखा़ अधिकारियों के समझाने […]
आक्रोश. राशन कार्ड के लिए ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, सड़क पर उतरे पंडरिया के लोग
राशन कार्ड नहीं बनने से नाराज पंडरिया गांव के लोगों का गुस्सा गुरुवार को फूट पड़ा़ बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतरे और अपनी मांग को लेकर एचएन 43 को करीब दो घंटे तक जाम रखा़ अधिकारियों के समझाने के बाद भी वे जाम हटाने को तैयार नहीं हुए़ इसके बाद पुलिस ने बलपूर्वक उन्हें हटाया़
गुमला : गुमला प्रखंड के पंडरिया गांव के ग्रामीण राशन कार्ड की मांग को लेकर गुरुवार को सड़क पर उतर आये़ उन्होंने एनएच 43 करीब दो घंटे तक जाम रखा. कार्ड की मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण लाठी-डंडा लेकर सड़क पर उतरे थे.
िदन के 11.30 बजे रांची-गुमला मार्ग पर भरदा गांव के समीप सड़क जाम कर नारेबाजी शुरू कर दी़ जाम से सड़क के दोनों ओर करीब दो किमी तक वाहनों की लंबी लाइन लग गयी़ 200 से भी अधिक यात्री वाहन, मालवाहक ट्रक, ट्रेलर सहित कई छोटे-बड़े वाहन जाम में फंस गये.
अड़े रहे अपनी मांग पर
जाम की सूचना पर अपराह्न करीब दो बजे डीएसओ विनोद शंकर मिश्र, सदर सीओ सुनील चंद्र, बीडीओ उमेश कुमार स्वांसी व एमओ राजेंद्र रविदास जाम स्थल पर पहुंचे. अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाते हुए जाम हटाने और बैठक कर बात करने की बात कही, लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे़ इसपर अधिकारियों ने जाम हटाने के लिए पुलिस बल का सहारा लिया और जबरन ग्रामीणों को सड़क से खदेड़ दिया. इससे पूर्व सिसई से गुमला की ओर आ रही जिप अध्यक्ष किरण माला बाड़ा भी जाम देख कर जामस्थल पर रुकी और ग्रामीणों को समझाते हुए जाम हटाने की अपील की, लेकिन ग्रामीण नहीं माने.
करीब एक घंटा तक जिप अध्यक्ष भी जाम में ही फंसी रही. जाम हटने के बाद अधिकारियों ने ग्रामीणों के साथ विद्यालय परिसर में बैठक की. अधिकारियों ने कहा कि कार्ड बनने के बाद भी अभी तक बहुत लोगों को कार्ड नहीं दिया गया है. आश्वासन दिया कि जल्द ही सभी के बीच डीलर के माध्यम से कार्ड का वितरण कर दिया जायेगा.
आवेदन दिया, पर सुनवाई नहीं हुई
जाम के दौरान ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन की मनमानी के कारण गरीबों को अभी तक कार्ड नहीं मिला है. गुमला में जनता दरबार में दो बार उपायुक्त को आवेदन देकर समस्या से अवगत कराते हुए कार्ड की मांग कर चुके हैं, लेकिन उपायुक्त को गरीबों को चिंता ही नहीं है.
गांव में बिजली नहीं है, पढ़ाई ठप
ग्रामीणों ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से आश्वासन मिला था कि कार्ड बनने तक राशन दुकान से केरोसिन मिलेगा, लेकिन डीलर बिना कार्ड के केरोसिन भी नहीं देता है. पंडरिया ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण गांव में प्राय: बिजली की समस्या रहती है. वहीं केरोसिन के अभाव में लालटेन व दीया तक नहीं जला पाते हैं. बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पूरी तरह से ठप हो जाती है.
450 में मात्र 42 को मिला है कार्ड
ग्रामीणों ने बताया कि पंडरिया में लगभग 450 परिवार के लोग निवास करते हैं, जिसमें से मात्र 42 लोगों को ही कार्ड बना कर दिया गया है. कार्ड बनाने में मनमानी हुई है. गरीबों को उपेक्षित कर संपन्न घर वालों का कार्ड बनाया गया है. ग्रामीणों ने बताया कि राशन कार्ड बनवाने के लिए डीलर जलेश्वर साहू के यहां चार बार फार्म जमा कर चुके हैं, प्रत्येक बार 10-10 रुपये भी दिये हैं, लेकिन डीलर ने भी धोखा दे दिया.
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