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तनीषा का क्या कसूर!

मां व पिता की लड़ाई में नौ माह की मासूम तनीषा की परवरिश पर सवाल खड़ा हो गया है. मां सुनीता तिर्की ने सीडब्ल्यूसी को आवेदन सौंप कर अपनी बेटी को चैरिटी व सीडब्ल्यूसी के संरक्षण में रखने की गुहार लगायी है. गुमला : नौ माह की मायूस तनीषा तिर्की का क्या कसूर है. कोई […]

मां व पिता की लड़ाई में नौ माह की मासूम तनीषा की परवरिश पर सवाल खड़ा हो गया है. मां सुनीता तिर्की ने सीडब्ल्यूसी को आवेदन सौंप कर अपनी बेटी को चैरिटी व सीडब्ल्यूसी के संरक्षण में रखने की गुहार लगायी है.
गुमला : नौ माह की मायूस तनीषा तिर्की का क्या कसूर है. कोई उसे अपनाने को तैयार नहीं है. यहां तक कि जन्म देने वाले मां-बाप भी उससे पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं. पिता अमृत मिंज ने तनीषा को अपनाने से इनकार कर दिया.
पिता ने कहा : तनीषा मेरी बेटी नहीं है. चाहे तो डीएनए टेस्ट करा लें, जबकि मां सुनीता तिर्की ने कहा : मैं गरीब हूं. किसी प्रकार जी खा रही हूं, तनीषा का पालन-पोषण करने में असमर्थ हूं. उन्होंने चैरिटी संस्था या सीडब्ल्यूसी से अपनी बेटी तनीषा की परवरिश करने की गुहार लगायी है. इस संबंध में सुनीता ने सीडब्ल्यूसी को आवेदन भी सौंपा है. इधर, मामला गंभीर होता देख सीडब्ल्यूसी भी कोई निष्कर्ष नहीं निकाल पा रहा है कि आखिर तनीषा कहां रहेगी. ऐसे अभी तनीषा अपनी मां सुनीता के पास ही है. सीडब्ल्यूसी ने कहा है कि जबतक कोई निर्णय नहीं हो जाता, तनीषा की देखभाल उसकी मां सुनीता ही करेगी.
दिल्ली में हुआ था तनीषा का जन्म
डुमरी प्रखंड के पुटरूंगी गांव की सुनीता तिर्की जब आठ साल की थी, तो वह दिल्ली चली गयी. 20 साल तक दिल्ली में मजदूरी की. इधर वर्ष 2014 में हेसाग गांव का अमृत मिंज भी दिल्ली गया, जहां सुनीता व अमृत में दोस्ती हुई. वर्ष 2015 के अगस्त माह में दिल्ली के अस्पताल में तनीषा का जन्म हुआ. इसके बाद दोनों वापस गांव आ गये. इधर, बेटी के जन्म के बाद अमृत ने यह कह कर तनीषा को अपनाने से इनकार कर दिया कि वह उसकी बेटी नहीं है. इस मामले को लेकर गांव में पंचायती भी हुई, पर वहां कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका.
महिला थाने में चल रही है सुनवाई
गांव के पंचायती में ठोस निर्णय नहीं होने के बाद सुनीता ने महिला थाना में शिकायत की. इसके बाद महिला थाना की परामर्शदातृ कमेटी ने सुनीता व अमृत को थाने में बुलाया, लेकिन अमृत नहीं आया, जिससे मामले की सुनवाई अभी लंबित है. महिला थाना द्वारा दोबारा अमृत को नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है. इधर, सीडब्ल्यूसी के पास मामला आने के बाद चेयरमैन तागरेन पन्ना पूरे मामले की जांच कर रही है, जिससे तनीषा को अच्छी परवरिश मिल सके.
मां-पिता द्वारा तनीषा को नहीं रखने पर उसे संरक्षण में लेने की तैयारी चल रही है. ऐसे सीडब्ल्यूसी का प्रयास है कि तनीषा को उसके माता-पिता अपने साथ रख कर परवरिश करें.
तागरेन पन्ना, चेयरमैन, सीडब्ल्यूसी

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