गुमला : घाघरा प्रखंड की दर्जनों आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका को निलंबित करने की शिकायत प्रमुख सुनीता उरांव द्वारा जिप उपाध्यक्ष केडी सिंह से करने पर उपाध्यक्ष ने मामले को गंभीरता से लिया.
उपाध्यक्ष ने प्रमुख को मामले का निष्पादन कराने का आश्वासन दिया है. जिप उपाध्यक्ष ने डीसीएलआर सह जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अंजना दास को जिला परिषद स्थित अपने कार्यालय में बुला कर जानकारी ली. जिप उपाध्यक्ष ने कहा कि पूर्व के पदाधिकारी के पत्रांक 235 दिनांक दो मार्च 16 के आधार पर प्रखंड के चपका, देवाकी, पिठवरटोली, हुटार, गम्हरिया, नवडीहा, बाजारटोली, दोदांग, घुटी व तारागुटू की दर्जन भर सेविका व सहायिका को निलंबित कर दिया गया है.
अगर वे दो वर्षों से चयन प्रक्रिया पर चयनित होकर कार्य कर रहीं थीं, तो फिर उन्हें किस आधार पर निलंबित किया गया. अगर उनका चयन सही हुआ, तो गरीबों के पेट में लात मारने का कार्य किया गया है. अगर चयन प्रक्रिया सही हुई है और प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों द्वारा फाइल में कुछ कमी हुई है, तो पदाधिकारी पर कार्रवाई करें. अन्यथा उन्हें कार्य करने का शीघ्र आदेश जारी करने की बातें कहीं.
डीसीएलआर ने कहा कि मैंने अभी कुछ दिन पूर्व कार्य भार संभाला है, लेकिन मंगलवार को प्रखंड की एक सहायिका आयी थीं. उसने मुझे जानकारी दी थी. मैंने उनसे लिखित में शिकायत की मांग की हूं.
किस आधार पर उन्हें निरस्त किया गया है. मैं इसकी जांच करूंगी. इसके लिए मैं प्रखंड के पदाधिकारियों से पत्रचार कर जानकारी भी लूंगी. अभी जो प्रस्ताव पुनर्चयन प्रक्रिया का गया है, वह बिना जांच पूरा हुए नहीं होगा. जब तक जांच चलेगी, तब तक वही सेविका व सहायिका कार्य करेंगी. अगर उनका चयन सही हुआ होगा, तो वही सेविका व सहायिका कार्यरत रहेंगी.