बसिया (गुमला) : बसिया प्रखंड के गुड़ाम डाचूटोली गांव में एक साथ तीन लोगों की शव यात्रा निकली़ पूरा गांव रो पड़ा. हर उम्र के लोगों की आंखों में आंसू था. जब शव को श्मशान घाट व कब्रगाह ले जाया जा रहा था, तो मातम छा गया. मृतक ललित साहू व रविशंकर साहू के शव की चितायें एक साथ नदी के किनारे जलायी गयी. वहीं अजय टोपनो के शव को कब्रगाह में दफनाया गया. इस दौरान गांव के कई लोग थे. सुरक्षा में बसिया थाना की पुलिस थी.
गुरुवार को दिनदहाड़े मसरीबेड़ा में सड़क निर्माण के दौरान उग्रवादियों द्वारा जिस प्रकार खून की होली खेली गयी, उससे गांव के लोग दहशत में हैं. ग्रामीणों ने डीजीपी डीके पांडेय से सुरक्षा की मांग की थी. डीजीपी के निर्देश पर गांव में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया. पुलिस गांव से गुजरनेवाले हर अनजान चेहरे पर नजर रखे हुए है. बाइक से आने जानेवालों को रोक कर पुलिस जांच कर रही है.
डाचूटोली में सन्नाटा
मारे गये अजय, ललित व रविशंकर डाचूटोली गांव के हैं. गांव घोर उग्रवाद प्रभावित है. उग्रवादियों के लिए यह इलाका सेफ जोन माना जाता है, इसलिए पूरे गांव में डर से सन्नाटा पसरा हुआ है. लोग डर से किसी से बात करना भी नहीं चाहते हैं. हालांकि इस गांव में पुलिस कैंप कर रही है, ताकि लोगों को भय से निकाला जा सके.
सड़क का काम रुका
कोनवीर से सुकरूड़ा तक बन रहे सड़क का काम रूक गया है. डर से मजदूरों ने काम करने से इनकार कर दिया है. इतनी बड़ी घटना घट गयी, लेकिन एनपीसीसी के अधिकारी मजदूरों का हाल जानने नहीं पहुंचे. चिन्नारी कंस्ट्रक्शन के लोग भी नजर नहीं आये. इससे मजदूर नाराज हैं.
उग्रवादियों के भय से कोई काम करना भी नहीं चाहते हैं. ऐसे पुलिस ने सुरक्षा में सड़क का काम पूरा कराने का आश्वासन दिया है. जिस स्थान (मसरीबेड़ा) पर घटना घटी थी, वहां से लोग गुजरने से डर रहे हैं. सड़क निर्माण स्थल पर एक रोलर खड़ा है. ट्रैक्टर व अन्य वाहनों को वहां से हटा लिया गया है.